भगवान के चरणों में रखा गया एक मोदक 1 लाख 85 हजार रुपए में बिका
Ambarnath News: बदलापुर, वांगणी तथा इसके आसपास के ग्रामीण हल्को में 10 दिवसीय सार्वजनिक तथा घरेलू भगवान गणेश की मूर्तियों का विसर्जन आस्था, श्रद्धा पूर्वक तथा अगले बरस तू जल्दी की कामना के साथ किया गया। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी शहर में मिनी उत्तर भारत के रूप में प्रसिद्ध बुवापाड़ा के संगठन चौक स्थित श्री खाटू श्याम सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल में यह पर्व पारंपरिक तौर पर मनाया गया।
मंडल में बप्पा के विसर्जन से पहले भगवान की मूर्ति के सामने दस दिन रखे गए उस एक विशेष ’मोदक’ का पंडाल में सैकड़ों गणेश भक्तों के समक्ष मोदक की नीलामी की गई। अंबरनाथ में श्री खाटू श्याम मंडल की मोदक की नीलामी को लेकर काफी उत्सुकता रहती है। इस प्रक्रिया में अनेक लोगों ने भाग लिया। तकरीबन एक घंटे चली नीलामी प्रक्रिया में इस बार मोदक को खरीदने का भाग्य अंबरनाथ के चौबे परिवार की बेटी तथा कल्याण की बहु अनामिका अनुराग त्रिपाठी को मिला। मोदक का अपना महत्व है।
मंडल के अध्यक्ष प्रमोद कुमार चौबे, सच्चिदानंद राय, रमेश यादव, नथूनी झां, कमलाकांत राय, जेबी शर्मा, प्रदीप शर्मा आदि की देखरेख में पंडाल में धार्मिक तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। शहर के हिंदी भाषियों के सबसे पुराने मंडल के माध्यम से हिंदी भाषियों ने भक्ति भाव तथा एक अच्छे धार्मिक माहौल में पर्व की खुशियां हासिल की। मंडल के अध्यक्ष प्रमोद कुमार चौबे ने बताया कि मंडल ने शनिवार की दोपहर महाप्रसाद रखा था। परिसर के लगभग 4 हजार से भी अधिक लोगों ने इसका लाभ लिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अंबरनाथ व्यापारी संघ के सचिव यूसुफ शेख के हाथों अनामिका त्रिपाठी को मोदक प्रदान किया गया। अंबरनाथ में इस वर्ष डेढ़, तीन तथा पांच दिवसीय भगवान गणेश की मूर्तियों का विसर्जन कृत्रिम तालाबों में अधिक हुआ। वही 10 दिवसीय गणपति का विसर्जन प्राचीन शिव मंदिर के समीप कुंड, चिंचपाडा, बुआपाडा खदान, उल्हासनदी में पुलिस तथा नपा प्रशासन की देखरेख में हुआ।
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भगवान के चरणों में धार्मिक मंत्रोच्चार के साथ रखे गए इस मोदक का हम लोगों के बीच काफी महत्व है। मैंने देखा है कि मोदक को लेने वालों को समृद्धि, सुख, वैभव मिला है तथा उनकी आर्थिक प्रगति भी हुई है। मैं पिछले तीन साल से मोदक को लेना चाहती थी, लेकिन भगवान की शायद मर्जी नहीं रही होगी। इस साल मैं अपने को भाग्यशाली समझती हूं कि बप्पा का मोदक मैं ले सकी। यह मोदक मैंने अपने लोगों तथा पूरे देश की समृद्धि के लिए लिया है। यह मोदक बप्पा से हासिल कर अब इसको अपने पापा यानी प्रमोद कुमार चौबे को सौंपती हूं क्योंकि उनके कारण मैं यहां तक पहुंच सकी।