गणपति विसर्जन में डिप्टी सीएम अजित पवार (pic credit; social media)
Ajit Pawar Ganesh visarjan pune: अनंत चतुर्दशी पर गणपति विसर्जन का पुणे शहर हमेशा से खास आकर्षण का केंद्र रहता है, लेकिन इस बार जुलूस में एक ऐसा पल देखने को मिला जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने खुद ढोल उठाकर गणपति की विदाई में शामिल होकर लोगों को चौंका दिया।
पुणे के मुख्य मार्गों पर जब विसर्जन जुलूस निकल रहा था, तभी अजीत पवार गणेश मंडल के बीच पहुंचे और ड्रम थामकर पूरे जोश से बजाने लगे। “जय गणेशा” और “गणपति बप्पा मोरया” के नारों से गूंजते माहौल में उनका यह अंदाज़ देखकर भक्तों में नया उत्साह भर गया। कई लोगों ने इस पल को कैमरे में कैद किया और सोशल मीडिया पर साझा किया। वीडियो तेजी से वायरल हो गया और देखते ही देखते यह चर्चा का विषय बन गया।
स्थानीय नागरिकों और भक्तों ने कहा कि राजनीतिक पदाधिकारी जब इस तरह लोक उत्सव में खुद को शामिल करते हैं, तो जनता और नेताओं के बीच की दूरी कम होती है। यह कदम सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं बल्कि यह दर्शाता है कि नेता भी जनता की परंपराओं और भावनाओं से गहराई से जुड़े हैं।
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विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की सहभागिता से सामाजिक सौहार्द और एकजुटता को बढ़ावा मिलता है। त्योहार सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं होते बल्कि वे समाज को जोड़ने और भावनाओं को साझा करने का माध्यम भी होते हैं। अजीत पवार का यह रूप लोगों के लिए प्रेरणा का संदेश लेकर आया।
सोशल मीडिया पर लोगों ने लिखा कि राजनीति से ऊपर उठकर ऐसे पल समाज को जोड़ते हैं। कई युवाओं ने कहा कि इससे नेताओं की छवि आम लोगों के बीच और ज्यादा सकारात्मक होती है।
पुणे का गणपति विसर्जन जहां अपनी पारंपरिक ढोल-ताशा और विशाल मिरवणुक के लिए जाना जाता है, वहीं अजित पवार की इस खास भागीदारी ने इस बार के उत्सव को और यादगार बना दिया।