तेलंगाना के साथ रोटी-बेटी का व्यवहार (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Gadchiroli News: गड़चिरोली जिले के दक्षिण छोर पर बसी तथा तेलंगाना राज्य से सटी सिरोंचा तहसील के लोग पिछले अनेक वर्षों से तेलंगाना राज्य के लोगों के साथ रोटी-बेटी का व्यवहार करते आ रहे है। ऐसे में अब सिरोंचा और तेलंगाना राज्य की सीमा पर बहने वाली नदी पर विशाल पुलिया का निर्माण होने के कारण दोनों छोर के लोगों का संबंध अधिक मजबूत हो गया है। वहीं प्रतिदिन दोनों छोर के लोगों का आवागमन शुरू है। विशेषत: सिरोंचा तहसील के लोग उपचार लेने समेत विभिन्न सामग्री खरीदने के लिए तेलंगाना राज्य में जाते है। वहीं दूसरी ओर सिरोंचा तहसील के नागरिक केवल कार्यालयीन कार्य हेतु गड़चिरोली में पहुंच रहे है।
खासकर अहेरी उपविभाग के सिरोंचा, अहेरी, मुलचेरा, भामरागड़ व एटापल्ली आदि तहसीलों का संपर्क सीधे तेलंगाना राज्य से आता है। जिससे इन तहसीलों के नागरिक हमेशा वहां जाते है। सिरोंचा तहसील में बारहमासी बहने वाली 3 नदियां गोदावरी, प्राणहिता, इंद्रावती है। गड़चिरोली जिला मुख्यालय सिरोंचा से करीब 250 किमी दूरी है। जिससे दक्षिण गड़चिरोली क्षेत्र के नागरिकों का तेलंगाना राज्य से रोटी-बेटी का व्यवहार है। पुलिया के मार्ग पर हमेशा यातायात दिखाई देती है। सिरोंचा तहसील के नागरिक विवाह समारेाह समेत विभिन्न कार्य, कपड़ा खरीदी तथा अन्य सामग्री खरीदने के लिए तेलंगाना राज्य के वरंगल, हैदराबाद, करीमनगर में जाते है।
सिरोंचा से वरंगल 105 किमी, करिमनगर 128 तथा हैदराबाद 250 किमी दूरी पर है। इन शहरों में जीवनावश्यक वस्तु उपलब्ध होने से तहसील के नागरिक गड़चिरोली अथवा अहेरी में आने के बजाएं तेलंगाना राज्य के उक्त शहरों में जाना पसंद करते है। इसके अलावा उपचार हेतु भी सिरोंचा के नागरिक वरंगल में जाते है। वरंगल में सुविधा युक्त सरकारी अस्पताल होने से अहेरी उपविभाग के अधिकांश मरीज उपचार हेतु वहां जाते है।
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पहले नदी पर पुलिया नहीं होने के कारण दोनों छोर के लोग नाव की सहायता से आवागमन करते थे। ऐसे में नाव से अपनी जान मुट्ठी में लेकर लोगों को सफर करना पड़ता थी। लेकिन कुछ वर्ष पहले नदी पर पुलिया का निर्माण होने से लोगों को आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो गयी है। इस पुलिया निर्माण से अंतरराज्यीय व्यवहार भी बढ़ गया है।