तिरहे में पुराना पुल पानी में डूबा (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Solapur Flood: धाराशिव समेत सोलापुर ज़िले में भारी बारिश हो रही है और ऐसा लग रहा है मानो आसमान फट पड़ा हो। सिना कोलेगांव, खासापुरी, भोगावती, चांदनी बांधों से सिना नदी में लगभग ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे बाढ़ का बड़ा संकट पैदा हो गया है। इससे सोलापुर ज़िले के 7 तालुका प्रभावित हो रहे हैं।सीना-कोलेगांव, खासापुरी और चांदनी परियोजनाओं से सीना नदी में भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण मोहोल तालुका के कई गाँव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। नदी में बाढ़ का पानी घुसने से तारातगांव तिरहे का पुल डूब गया है।
सोमवार दोपहर तक नदी में कुल 1,73,758 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिसमें चांदनी परियोजना से 48,591 क्यूसेक, खासापुरी से 78,867 क्यूसेक और सिना-कोलेगांव परियोजना से 46,300 क्यूसेक पानी शामिल है। इसके चलते कोलेगांव, मलिकपेठ, आष्टे, घाटणे, बोपले, पीरताकली, शिंगोली गांवों के नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। प्रशासन सीना नदी के जलस्तर पर कड़ी नज़र रखे हुए है और अगर अगले कुछ घंटों में बारिश की तीव्रता बढ़ी तो स्थिति गंभीर होने की आशंका है। प्रशासन ने नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील की है।
सिना नदी में आ रहे पानी का असर माधा, करमाला, बार्शी, मोहोल, उत्तर सोलापुर, दक्षिण सोलापुर, अक्कलकोट तालुका के पश्चिमी भाग में महसूस किया जा रहा है। इसलिए प्रशासन ने सोमवार सुबह से ही नदी किनारे बसे गाँवों में जाकर नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के प्रयास शुरू कर दिए थे। रविवार (21 तारीख) की रात, बार्शी तालुका में पहली बार भारी बारिश हुई। 50 साल बाद इतनी भारी बारिश से चांदनी नदी में भीषण बाढ़ आ गई। हजारों हेक्टेयर जमीन पर लगी फसलें जलमग्न हो गईं।
बार्शी-तुलजापुर मार्ग यातायात के लिए बंद कर दिया गया। चांदनी बांध से सीना नदी में 48,541 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। भारी बारिश के कारण चांदनी नदी में बाढ़ आ गई है और बेलगांव, मंडेगांव, अगलगांव, धसपिंपलगांव, खड़कलगांव, देवगांव, कंदलगांव आदि गांवों में पानी घुस गया है। कई गांवों में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भारी बारिश और बाढ़ के कारण सैकड़ों हेक्टेयर कृषि जलमग्न हो गई है। पानी के तेज बहाव के कारण फसलों के साथ मिट्टी भी बह गई है।
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सीना नदी के किनारे बसा शिवानी गाँव दोनों ओर से बाढ़ से घिरा हुआ है। चूँकि सीना नदी में दो लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, इसलिए नदी किनारे बसे पकनी, शिवानी, तिरहे, पाथरी, तेलगाँव दोनगाँव, नंदूर जैसे गाँवों में बाढ़ का बड़ा खतरा पैदा होने की संभावना है। चूँकि सीना नदी का पानी दक्षिण सोलापुर-अक्कलकोट तालुका की सीमा पर कुडाल संगम पर भीमा नदी में मिल जाता है, इसलिए भीमा नदी में भी बाढ़ का खतरा है। सोमवार सुबह भीमा नदी से 70 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था।