
पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे की मौजूदगी में हुआ बवाल (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Solapur News: सोलापुर में शिवसेना (उद्धव ठाकरे गट) की उत्तर-मध्य विधानसभा समीक्षा बैठक सोमवार को बड़े हंगामे में बदल गई। बैठक के दौरान नाराज़ शिवसैनिकों ने संपर्कप्रमुख अनिल कोकील पर तीखा सवाल दागते हुए पूछा “गद्दारों पर कार्रवाई कब होगी?” इतना ही नहीं, गुस्साए शिवसैनिक कोकील की ओर दौड़ पड़े, जिससे बैठक स्थल पर अफरातफरी मच गई। शिवसैनिकों ने चेतावनी दी कि “अगर गद्दारों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो हम संगठन का कामकाज बंद कर देंगे।”
यह बैठक शिवसेना (उद्धव ठाकरे गट) के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे, उपनेता अस्मिता गायकवाड़, जिल्हा प्रमुख अजय दासरी, शहर प्रमुख महेश धाराशिवकर, उपजिल्हा प्रमुख दत्तात्रय गणेशकर, प्रताप चव्हाण और महिला आघाडी की शहर संघटिका अमिता जगदाले की उपस्थिति में आयोजित की गई थी। इसी दौरान शिवसैनिकों ने अचानक संपर्कप्रमुख को निशाने पर लेते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। निष्ठावान शिवसैनिकों की इस आक्रामक प्रतिक्रिया से ठाकरे गुट के आंतरिक मतभेद खुलकर सामने आ गए।
शिवसैनिकों में पहले से ही यह नाराज़गी थी कि गद्दारों के खिलाफ पार्टी नेतृत्व की ओर से कार्रवाई में देरी हो रही है। इसके साथ ही, संपर्कप्रमुख अनिल कोकील स्थानीय स्तर पर गद्दारों द्वारा किए जा रहे दबाव और शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दे रहे, ऐसी भावना भी कार्यकर्ताओं के बीच फैल चुकी थी।
जब कोकील ने कहा कि “इस विषय पर अलग बैठक बुलाई जाएगी,” तब भी शिवसैनिक शांत नहीं हुए। उन्होंने खुलेआम नारे लगाए —
“कार्रवाई करो, नहीं तो संपर्कप्रमुख हटाओ!”
कुछ स्थानीय पदाधिकारियों और नेताओं पर आरोप लगाया गया कि वे शहर और ज़िले में निष्ठावान शिवसैनिकों को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। इसी वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई।
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चर्चा यह भी रही कि जिन नेताओं पर गद्दारी का आरोप है, वे बैठक में जानबूझकर अनुपस्थित रहे, ताकि उनकी पोल न खुले। बैठक के बाद शिवसैनिकों में यह चर्चा जोरों पर थी कि निशाना पूर्व जिल्हा प्रमुख पर था।
सूत्रों के अनुसार, जिन माजी जिल्हा प्रमुख पर गद्दारी के आरोप लगाए गए, उन्होंने रात में सरकारी विश्रामगृह जाकर संपर्कप्रमुख अनिल कोकील से मुलाकात की और अपनी सफाई पेश करने की कोशिश की।
जिल्हा प्रमुख अजय दासरी ने कहा कि “शिवसैनिकों की केवल यही मांग थी कि पार्टीविरोधी काम करने वालों पर कार्रवाई की जाए। किसी प्रकार का हंगामा नहीं हुआ। बैठक में अच्छा काम करने वाले शिवसैनिकों और मेरा भी सत्कार किया गया। बाद में, महापालिका पर भगवा फहराने के लिए मार्गदर्शन दिया गया।”
पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे ने बताया कि “यह बैठक उद्धव ठाकरे जी के निर्देशानुसार शिवसैनिकों को मार्गदर्शन देने के लिए आयोजित की गई थी। कुछ कार्यकर्ताओं ने नाराज़गी जताई, लेकिन यह पूरी तरह पार्टी की आंतरिक बात है।”






