बालिका को जबरन लिया गोद (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Amravti News: बच्चें सभी को पसंद होते है बच्चों से सभी को स्नेह होता है। लेकिन अगर किसी का बच्चा कोई जबरन छीन ले तो उस मां पर क्या बितेगी। कुछ ऐसा ही एक मामला अमरावती से सामने आया है। जन्म प्रमाण पत्र में जालसाजी करके उसके मामा-मामी ने उसकी छह महीने की बच्ची को जबरन अपने कब्जे में ले लिया। एक महिला ने स्थानीय राजापेठ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि उसके मामा-मामी उसे 5 मार्च से अवैध रूप से अपने पास रखे हुए हैं। इस मामले में पुलिस ने शनिवार को नेर तालुका निवासी एक दंपत्ति के खिलाफ बीएनएस में ‘कानूनी संरक्षकता से अपहरण’ की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।
बच्ची कि मां के द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, वह अपने पति और दो बच्चों के साथ अमरावती में रहती है। जून 2024 में वह तीसरी बार गर्भवती हुई। 17 फरवरी को उसने एक निजी अस्पताल में एक बच्ची को जन्म दिया। उस समय उसकी भतीजी, देवर, ननंद और ननदोई भी उसके साथ थे। इसके बाद वह अपने मायके चली गई। बच्ची का नामकरण करने के बाद वह अपने ससुराल लौट आई। इसी बीच वहां मौजूद ननंद ने गांव वालों से झूठ बोला कि हमारे यहां बच्ची हुई है, इसलिए उसने बच्ची कि मां से कहा कि अपनी बेटी को आठ दिन के लिए गांव ले जाने दो, नहीं तो हम मर जाएंगे। बच्ची कि मां के मान जाने के बाद ननंद और ननदोई बच्ची को ले गए।
आठ दिन बाद, बच्ची कि मां ने अपनी बेटी को वापस लाने के लिए फ़ोन किया, लेकिन ननद-नंदोई ने फ़ोन काट दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने नंबर भी ब्लॉक कर दिया। इस बीच दो-तीन महीने बीत गए। बच्ची कि मां के पति, जो पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जा रहे थे, उन्हें उनकी सास ने यह कहते हुए रोक लिया, ‘बच्ची को वहीं रहने दो, वरना वह कुछ बुरा कर देगा।’ जून के अंत में, बच्ची कि मां अपने पति के साथ ननद के घर पहुंची। वहां बहस के बाद, ननद ने बेटी को वापस लाने का वादा किया। हालांकि, बच्ची कि मां ने बताया कि अगले ही दिन उन्होंने उसे धमकी देते हुए कहा, ‘जो चाहो करो, मैं उसे वापस नहीं दूंगा।’
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फर्जी जन्म प्रमाण पत्र और आधार कार्ड बनवाए 23 जून को बच्ची कि मां के पति को नेर पुलिस से फोन आया कि ननंद ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। जब बच्ची कि मां और उसका पति नेर पुलिस स्टेशन पहुंचे, तो बच्ची कि मां ने वहां दर्ज दस्तावेजों में अपनी बेटी के माता-पिता के रूप में ननंद-नंदोई का नाम देखा। लड़की के जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड ही नहीं, बल्कि डिस्चार्ज कार्ड पर भी ननंद-नंदोई का नाम था। बच्ची कि मां को पता चला कि ननंद-नंदोई ने अपने नाम से डिस्चार्ज कार्ड बनवाया था और उसी के आधार पर लड़की का आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र बनवाया गया था।