धैर्या कुलकर्णी (सौजन्य-सोशल मीडिया)
सतारा: महाराष्ट्र की धैर्या कुलकर्णी ने मात्र 13 साल की छोटी-सी उम्र में कीर्तिमान रच दिया। धैर्या कुलकर्णी ने ठीक 10 दिन पहले रूस के सबसे माउंट पर चढ़ाई कर फतेह कर इतिहास रच दिया है। उसने माइनस 14 डिग्री सेल्सियस तापमान में बहादुरी के साथ 5,642 मीटर ऊंची चोटी फतह कर सतारा और महाराष्ट्र का नाम रोशन किया।
आज रूस में माउंट एल्ब्रस पर चढ़ाई करने के बाद धैर्या कुलकर्णी सतारा अपने घर लौंटी। इस खुशी में 13 वर्षीय धैर्य कुलकर्णी का भव्य स्वागत किया गया। धैर्या की इस सफलता के बाद उसे वापस लाने के लिए शहरवासी बड़ी संख्या में धैर्या को लेने पहुंचे। लोगों ने जमकर ढोल-ताशों के साथ धैर्या का स्वागत किया। सभी ने पूरे जल्लोश और खुशी के साथ उसका स्वागत किया।
#WATCH | Satara, Maharashtra | 13-year-old Dhairya Kulkarni received a grand welcome on returning to her hometown after scaling Mount Elbrus in Russia. (23.08) pic.twitter.com/w2U0YaYl40
— ANI (@ANI) August 24, 2025
धैर्या ने बताया कि वह 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के दिन रूस के सबसे बड़ी चोटी माउंट एल्ब्रस पर भारतीय ध्वज को फहराना चाहती थी। लेकिन मौसम ने धैर्या का साथ नहीं दिया। मौसम में खराबी के कारण धैर्या को 14 तारीख को ही चोटी पर पहुंचना पड़ा। यहां धैर्या ने भारतीय ध्वज के साथ अपनी तस्वीर भी ली और इसे शेयर किया।
#WATCH | Satara, Maharashtra | Dhairya Kulkarni said, “Ten days ago, I climbed Mount Elbrus… I was going to summit it on 15 August. But due to weather conditions, I summited it on 14 August. I took a photo holding my Indian flag on Mount Elbrus. This happened because of my… https://t.co/wLciRCLAx7 pic.twitter.com/99dzHACTHN
— ANI (@ANI) August 24, 2025
सतारा की धैर्या कुलकर्णी ने कहा, “दस दिन पहले, मैंने माउंट एल्ब्रस पर चढ़ाई की थी। मैं 15 अगस्त को इसकी चोटी पर पहुंचने वाला था। लेकिन मौसम की खराबी के कारण, मैं 14 अगस्त को ही इसकी चोटी पर पहुंच गया। मैंने माउंट एल्ब्रस पर अपना भारतीय ध्वज थामे हुए एक तस्वीर खिंचवाई। यह मेरे माता-पिता की वजह से संभव हुआ।”
रूस में माउंट एल्ब्रस यह चोटी दो विलुप्त ज्वालामुखियों से बनी है और समुद्र तल से 5,641 मीटर की ऊंचाई पर है। पहले दिन, वह मिनेराली ओडी गांव पहुंची। दूसरे दिन, वह अजाऊ और 3,000 मीटर ऊंचे ट्रेक पर चढ़ी। तीसरे दिन, वह माउंटेन हंट के बेस कैंप पहुंची। यहां से निकलने के बाद चौथे दिन धैर्या ने 4,600 से 4,800 मीटर की ऊंचाई तक का सफर तय किया। इसके बाद पांचवें दिन, उसने सफलतापूर्वक चढ़ाई की और माउंट एल्ब्रस के शिखर पर तिरंगा फहराया।
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इस ट्रेक का आयोजन पर्वतारोही प्रियंका मोहिते की कंपनी ने बेंगलुरु में किया था। प्रियंका मोहिते और उनके साथ तीन अन्य ट्रेकर्स ने भाग लिया था। इस अभियान में धैर्या सबसे कम उम्र की लड़की है। धैर्या ने इससे पहले पिछले अप्रैल में एवरेस्ट बेस कैंप अभियान पूरा किया था। सिर्फ 12 साल की उम्र में धैर्या अपने माता-पिता या अभिभावकों के बिना बेस कैंप पूरा करने वाली देश की पहली लड़की बनीं।