संजय राउत व मंत्री भरत गोगावले (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति में सहयोगी शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच रायगढ़ के पालकमंत्री पद को लेकर खींचतान जारी है। शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को रायगढ़ जिले के पालकमंत्री पद को लेकर शिवसेना पर कटाक्ष किया है। संजय राउत ने एकनाथ शिंदे की शिवसेना और महायुति पर तंज कसते हुए कहा कि रायगढ़ जिले का पालकमंत्री पद ‘गुंडों’ के पास नहीं होना चाहिए।
शिवसेना (यूबीटी) संयज राउत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि रायगढ़ जैसे जिले के पालकमंत्री का पद गुंडों के पास नहीं होना चाहिए बल्कि ऐसे व्यक्ति के पास होना चाहिए जो संयमित हो और भ्रष्टाचार से लड़ सके।
संयज राउत ने कहा कि एनसीपी नेता अदिति तटकरे की तारीफ करते हुए कहा कि वह एक काबिल मंत्री हैं और राज्य का युवा चेहरा हैं। वह रायगढ़ जिला परिषद की अध्यक्ष रह चुकी हैं और जिले को अच्छी तरह जानती हैं। राउत ने कहा कि वह धैर्यवान हैं, भ्रष्ट नहीं हैं।
बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महिला एवं बाल विकास मंत्री और एनसीपी नेता अदिति तटकरे को जिले का संरक्षक मंत्री नियुक्त किया था। इस कदम से शिवसेना नाराज हो गई क्योंकि उसके पार्टी नेता और रोजगार गारंटी मंत्री भरत गोगावले भी इस पद के लिए दावेदारी पेश कर रहे थे। गोगावले रायगढ़ में महाड का प्रतिनिधित्व करते हैं।
हालांकि शिवसेना नेता भरत गोगावले के विरोध के बाद सीएम देवेंद्र फडणवीस ने रागगढ़ जिले के पालकमंत्री पद के फैसले पर रोक लगा दी थी। रायगढ़ के अलावा नासिक जिले के पालकमंत्री पद के फैसले पर भी रोक लगी है। नासिक में बीजेपी नेता गिरीश महाजन को पालकमंत्री बनाया गया था, लेकिन शिवसेना के नेता और मंत्री दादा भुसे ने इस फैसले का विरोध किया था।
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जानकारी के लिए बता कि पालकमंत्री पद को लेकर विवाद का एक स्थानीय पहलू भी है। अदिति तटकरे के पिता और एनसीपी सांसद सुनील तटकरे रायगढ़ लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। जिले के छह विधानसभा क्षेत्रों में से तीन शिवसेना के पास हैं, जबकि एनसीपी, शिवसेना (यूबीटी) और भाजपा के पास एक-एक सीट है।