एकनाथ शिंदे (सौजन्य-एक्स)
रत्नागिरी: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को कहा कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में लोगों ने दिखा दिया कि असली शिवसेना कौन सी है। शिवसेना प्रमुख ने कोंकण क्षेत्र में पार्टी की प्रभावशाली जीत का जश्न मनाने के उद्देश्य से रत्नागिरी में आयोजित ‘धन्यवाद’ रैली को संबोधित करते हुए यह बात कही।
एकनाथ शिंदे ने विपक्षी दलों पर निर्वाचन आयोग, उच्चतम न्यायालय, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को दोषी ठहराने और मतदाता सूची में विसंगतियों को चुनावी हार के लिए जिम्मेदार ठहराने का भी आरोप लगाया। उन्होंने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) पर निशाना साधते हुए कहा कि वह एक परिवार के लिए काम करती है, जबकि उनकी शिवसेना महाराष्ट्र के लिए काम करती है।
एकनाथ शिंदे ने कहा कि विपक्ष फर्जी विमर्श फैलाता है, लेकिन शिवसेना सकारात्मक काम करती है, यही वजह है कि लोगों ने विधानसभा चुनाव में उसे वोट दिया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के ‘महायुति’ (गठबंधन) ने नवंबर 2024 में हुए विधानसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल की थी।
Ratnagiri, Maharashtra: Deputy CM Eknath Shinde says, "When I was the Chief Minister, people called me the Chief Minister, but I always said that I was a common man. Now, Devendra Fadnavis is the Chief Minister, and I am the Deputy Chief Minister. So, DCM now stands for Dedicated… pic.twitter.com/7PiF08wzjU
— IANS (@ians_india) February 15, 2025
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में शिवसेना को शिवसेना (यूबीटी) से दो लाख से अधिक वोट मिले थे। एकनाथ शिंदे ने कहा कि विधानसभा चुनाव में शिवसेना (यूबीटी) ने 97 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन केवल 20 सीटों पर जीत हासिल की। उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व वाली शिवसेना ने 87 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन 60 सीटें जीतीं और अपनी प्रतिद्वंद्वी से 15 लाख अधिक वोट हासिल किए।
उन्होंने कहा, ‘‘तो फिर बताएं कि असली शिवसेना कौन सी है। जनता ने दिखा दिया कि असली शिवसेना कौन सी है, जो बाल ठाकरे के आदर्शों पर चलती है।” रैली के दौरान अविभाजित शिवसेना के पूर्व विधायक सुभाष बाने, जो शिवसेना (यूबीटी) में थे, शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल हो गए।
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शिंदे ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ कुछ लोग अपनी हार के लिए निर्वाचन आयोग, उच्चतम न्यायालय और ईवीएम को दोषी ठहराते हैं। निर्वाचन आयोग और ईवीएम तब अच्छे होते हैं, जब आप जीतते हैं और तब बुरे होते हैं, जब आप हारते हैं। अब आप मतदाता सूची में अनियमितताओं का आरोप लगाते हैं।” शिंदे ने ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘पार्टी का विस्तार करने के लिए काम करने वाले नेताओं की साख पर बट्टा लगाया जा रहा है।”
(एजेंसी इनपुट के साथ)