अजित पवार और भरत गोगावले (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Maharashtra Politics: रायगढ़ जिले में शिवसेना शिंदे गुट और एनसीपी (अजित पवार) के बीच टकराव बढ़ गया है। उप मुख्यमंत्री अजित पवार की एनसीपी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे के अड़ंगे की वजह से उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के नेता और महायुति सरकार में मंत्री भरत गोगावले का रायगढ़ जिले का पालक मंत्री बनने का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है।
इससे नाराज गोगावले अब क्षेत्र में तटकरे के प्रभाव को कम करने में जुट गए हैं। मंगलवार को उन्होंने अजित की एनसीपी के निष्ठावान कार्यकर्ता विकास गायकवाड को तोड़ कर जिले में सुनील तटकरे को बड़ा झटका दिया। रायगढ़ जिले पालकमंत्री पद को लेकर शुरू हुआ राजनीतिक घमासान अब आगामी स्थानीय निकाय चुनावों की पृष्ठभूमि में और तेज हो गया है। शिवसेना शिंदे गुट के नेता और मंत्री भरत गोगावले ने ऐन दिवाली के दिन ही बड़ा धमाका कर दिया है।
उन्होंने स्थानीय निकाय चुनावों से पहले जिले की राजनीति में बड़ा उलटफेर करते हुए सुनील तटकरे के करीबी सहयोगी माने जाने वाले विकास गायकवाड को तोड़ लिया है। गायकवाड़ ने मंगलवार को अजित की घड़ी त्याग कर उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना का धनुष बाण थाम लिया अर्थात आधिकारिक रूप से शिवसेना में शामिल हो गए। मंत्री भरत गोगावले की उपस्थिति में उनका पक्ष प्रवेश समारोह आयोजित किया गया। राजनीतिक पर्यवेक्षकों इस घटनाक्रम को निकाय चुनावों से पहले रायगढ़ में तटकरे के लिए बड़ा झटका मान रहे हैं।
आगामी जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों की पृष्ठभूमि में भरत गोगावले ने रायगढ़ में एनसीपी और तटकरे को रोकने के लिए मोर्चा बनाना शुरू कर दिया है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि जिले में महायुति के मुख्य घटक दल शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार) अलग-अलग चुनाव लड़ सकते हैं।
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इसलिए, अब यह स्पष्ट है कि चुनाव और भी अधिक प्रतिस्पर्धी और रोमांचक होने वाला है। मंत्री भरत गोगावले ने गायकवाड के पक्ष प्रवेश के मौके पर कहा कि यह तो बस शुरुआत है। दिवाली के बाद और भी राजनीतिक पटाखे फूटेंगे। उनके इस बयान से रायगढ़ जिले में राजनीतिक माहौल और गरमाने के संकेत मिल रहे हैं।