गणेशोत्सव (pic credit; social media)
Maharashtra News: महाराष्ट्र का सबसे बड़ा सांस्कृतिक पर्व गणेशोत्सव इस समय पूरे जोश और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। हालांकि, आम नागरिकों की खुशी के बीच नेताओं और वीआईपी काफिलों की आवाजाही बड़ी परेशानी का कारण बन गई है। पंडालों में दर्शन के लिए लगातार आ रहे वीआईपी काफिलों की वजह से शहर के कई मुख्य मार्गों पर बार-बार ट्रैफिक रोकना पड़ रहा है। इससे पुलिस पर अतिरिक्त दबाव बढ़ गया है और आम जनता को घंटों लंबा जाम झेलना पड़ रहा है।
गणेशोत्सव के दौरान वैसे ही पुणे का ट्रैफिक सामान्य दिनों की तुलना में कई गुना बढ़ जाता है। ऐसे में जब कोई वीआईपी काफिला निकलता है, तो पुलिस को सुरक्षा कारणों से मार्ग बंद करने पड़ते हैं। इस कारण मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाना मुश्किल हो रहा है, जबकि छोटे दुकानदारों का कारोबार भी प्रभावित हो रहा है क्योंकि ग्राहक जाम की वजह से बाजारों तक नहीं पहुंच पा रहे।
गणेशोत्सव पुणे की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा है। राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों के लिए यह जनता से जुड़ने का बड़ा मौका होता है। पंडालों में जाकर नेता भक्तों से मिलते हैं और अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। कई बार यह प्रतिष्ठा का विषय भी बन जाता है और नेता बड़े पंडालों में जाकर अपनी छवि मजबूत करने की कोशिश करते हैं।
शहर के विभिन्न संगठनों का मानना है कि वीआईपी दर्शन के लिए समय पहले से तय होना चाहिए। ट्रैफिक पुलिस चाहती है कि ऐसे काफिलों को कम भीड़ वाले मार्गों से निकाला जाए और जनता को पहले से सूचना दी जाए कि कौन सा रास्ता कितने समय के लिए बंद रहेगा। पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने भीड़ नियंत्रण और ट्रैफिक प्रबंधन के लिए एआई और ड्रोन जैसी तकनीकों के इस्तेमाल की घोषणा की है, लेकिन बिना तय समय-सारणी के अचानक वीआईपी मूवमेंट से हालात बिगड़ ही जाते हैं।
फिलहाल, पुलिस आम जनता से धैर्य रखने और वैकल्पिक मार्ग अपनाने की अपील कर रही है। लेकिन जब तक वीआईपी आवाजाही के लिए सख्त और पारदर्शी प्रोटोकॉल लागू नहीं होता, तब तक हर साल गणेशोत्सव पर यह अफरा-तफरी बनी रह सकती है।