पुणे में गणेश विसर्जन शोभायात्रा (pic credit; social media)
Ganesh immersion in Pune: अनंत चतुर्दशी के अवसर पर शनिवार सुबह 10 बजे शुरू हुई सार्वजनिक गणपति मंदिरों की विसर्जन मिरवणूक 20 घंटे से अधिक समय तक चलती रही, और रविवार सुबह तक भी जारी रही। शनिवार सुबह शुरूआती उत्साह के बाद रात करीब 12 बजे जुलूस को रोक दिया गया क्योंकि DJs बंद हो गए थे। लेकिन सुबह 6 बजे पुनः मिरवणूक का क्रम जारी हो गया।
सरकारनामा की रिपोर्ट के अनुसार, मिरवणूक की निरंतरता ने पुणे के पारंपरिक विसर्जन समारोह का एक नया रूप पेश किया। भक्तों की भीड़ ज्योंही उत्साह लौटे, वे विसर्जन स्थल पर लौट आए। मिरवणूक की इस अनवरत प्रकृति ने परंपरा और भक्ति का मिश्रण दर्शाया।
स्थानीय प्रशासन और गणपति मंडल दोनों ने संकेत दिया कि इस तरह की निरंतरता से आयोजनों को और व्यवस्थित बनाने की आवश्यकता है। रात में भीड़ का ख्याल रखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के लिए अतिरिक्त पुलिस तैनात की। कुछ भक्तों का कहना था कि संगीत और उत्सव शाम को थमे तो सुबह फिर से वह ऊर्जा लौट आई।
इस मिरवणूक की चर्चा सोशल मीडिया पर भी गर्म रही। भक्तों ने अपनी भावनाएं साझा कीं और कहा कि रात की रूकावट ने उत्सव को कथा की तरह बना दिया—रात, फिर सुबह, और फिर से भक्ति। विसर्जन की यह अनूठी निरंतरता शहर में उत्सव की भावना को अलग ही ऊंचाई पर ले गई।
पुणे प्रशासन ने इस घटना से यह सीखा है कि जब उत्सव देर तक चलता है तो उसके लिए समय और व्यवस्था दोनों को लचीला बनाना जरूरी है। इसमें सभी पक्षों में भक्त, मंडल और प्रशासन का सहयोग अहम था।