लालबागचा राजा (pic credit; social media)
Ganpati Visarjan 2025: गणपति बप्पा मोरया के जयकारों के बीच इस साल का गणेशोत्सव अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। देश-विदेश में चर्चा का विषय बने लालबागचा राजा का विसर्जन अब कुछ ही देर में गिरगांव चौपाटी पर होने जा रहा है। लाखों भक्तों की निगाहें इस ऐतिहासिक पल पर टिकी हैं।
इस बार विसर्जन समारोह बेहद खास है क्योंकि लालबागचा राजा पहली बार एक अत्याधुनिक स्वचालित राफ्ट पर सवार होकर समुद्र की लहरों से विदाई लेंगे। यह नया राफ्ट तकनीक और परंपरा का शानदार संगम है। पिछले साल तक जिस बेड़े को मछुआरों की नावों की मदद से समुद्र में खींचा जाता था, वह अब पूरी तरह स्वचालित हो चुका है।
जानकारी के मुताबिक यह राफ्ट पहले की तुलना में दोगुना बड़ा और ज्यादा आधुनिक है। इसमें 360 डिग्री घूमने की क्षमता है जिससे समुद्र में इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। इस तकनीक से न सिर्फ विसर्जन की प्रक्रिया सुरक्षित होगी बल्कि हजारों श्रद्धालुओं को लालबागचा राजा के अंतिम दर्शन का अवसर भी आराम से मिलेगा।
गिरगांव चौपाटी पर भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। चारों तरफ डोल-ताशों की गूंज, गुलाल की उड़ती खुशबू और “गणपति बप्पा मोरया” के नारों ने माहौल को दिव्य बना दिया है। सुरक्षा की दृष्टि से चौपाटी और आसपास के इलाकों में पुलिस का भारी बंदोबस्त किया गया है। ड्रोन से भीड़ की निगरानी की जा रही है।
लालबागचा राजा के विसर्जन को हमेशा से खास महत्व दिया जाता है। मुंबई ही नहीं बल्कि देशभर के भक्त पूरे साल इस पल का इंतजार करते हैं। जैसे ही विशाल प्रतिमा बेड़े पर चढ़ेगी, श्रद्धालु हाथ जोड़कर आशीर्वाद लेंगे और भावुक माहौल में बप्पा को विदा करेंगे।
गौरतलब है कि लालबागचा राजा का विसर्जन कभी भी जल्दी संपन्न नहीं होता। अक्सर सुबह तक यह यात्रा चलती है और लाखों श्रद्धालु इसके साक्षी बनते हैं। इस बार आधुनिक राफ्ट से उम्मीद है कि विसर्जन प्रक्रिया थोड़ी सुगम होगी, लेकिन आस्था और श्रद्धा का वही रंग बरकरार रहेगा।
मुंबई की पहचान बन चुके लालबागचा राजा का यह अनोखा विसर्जन इतिहास में दर्ज हो जाएगा। भक्तों के लिए यह पल अविस्मरणीय याद बनकर हमेशा के लिए दिलों में बस जाएगा।