तलेगांव उरुली रेल परियोजना (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: तलेगांव ऊरुली तीसरी और चौथी रेलवे लाइन परियोजना अब अपने अंतिम मंजूरी चरण में पहुंच चुकी है। मध्य रेलवे मुख्यालय के वित्त विभाग में इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) अंतिम जांच के दौर में है।
यह 90 किलोमीटर लंबे पुणे बायपास लाइन प्रोजेक्ट को एक अहम मील का पत्थर माना जा रहा है। इस परियोजना को 8 फरवरी 2024 को औपचारिक स्वीकृति मिली थी। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, यह परियोजना पुणे रेल नेटवर्क की भीड़ कम करने और मालगाड़ियों के साथ-साथ यात्री सेवाओं को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
वर्तमान में पुणे रेल मंडल में भारी बोझ के चलते कई प्रमुख गाड़ियां विलंब से चल रही हैं। तलेगांव-ऊरुली नई लाइन बनने के बाद ट्रेन परिचालन का दबाव विभाजित होगा और यात्रा समय में उल्लेखनीय कमी आएगी। परियोजना दस्तावेज बताते हैं कि तलेगांव, ऊरुली और सासवड को जोड़ने वाले इस नए रेलमार्ग का संरेखण 19 जुलाई 2024 को मंजूर किया गया था।
इससे पहले इस लाइन के लिए ड्रोन आधारित लाइडर (LiDAR) और ट्रैफिक सर्वेक्षण पूरे किए जा चुके थे। इसके बाद डीपीआर को 12 जून 2025 को रेलवे बोर्ड को भेजा गया। रेलवे बोर्ड द्वारा गठित परियोजना मूल्यांकन समिति (PEC) ने जुलाई, अगस्त और सितंबर 2025 के दौरान विस्तृत समीक्षा बैठकें कीं। अंततः 12 अगस्त 2025 को समिति ने डीपीआर को स्वीकृति प्रदान की। अब यह रिपोर्ट मध्य रेलवे के वित्त विभाग में अंतिम परीक्षण के चरण में है, जिसके बाद इसे औपचारिक रूप से मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
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परियोजना की कुल अनुमानित लागत 8,525.67 करोड़ रुपए आंकी गई है। इसमें से 7,868 करोड़ रुपए सिविल कार्यों पर, 288 करोड़ रुपए सिग्नलिंग एवं दूरसंचार कार्यों पर, तथा 368 करोड़ रुपए विद्युत कार्यों पर खर्च किए जाएंगे।