
अजित पवार व शरद पवार (सोर्स: सोशल मीडिया)
Sharad Pawar On Ajit Pawar Statement: महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता शरद पवार ने अपने भतीजे अजित पवार के उस बयान पर कड़ी आपति जताई है। जिसमे उपमुख्यमंत्री ने एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर लोगों को विकास के लिए फंड चाहिए तो उन्हें हमारे पक्ष में वोट भी देना होगा।
बड़े पवार ने कहा कि इस तरह पैसे का प्रलोभन देकर वोट मांगना सही तरीका नहीं है। उन्होंने यह बात गुरुवार को बारामती में मीडिया से बातचीत में कही। वर्तमान में महाराष्ट्र में। 246 नगर परिषद एवं 42 नगर पंचायतों के लिए चुनाव प्रचार जोरो पर है। इसके लिए 2 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे, वहीं 3 दिसंबर को परिणाम की घोषणा होगी।
शरद पवार ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सत्ताधारी नेता काम के आधार पर वोट न मांग कर वित्तीय आश्वासनों पर वोट मांग रहे हैं। यह अच्छा प्रचलन नहीं है। अगर चुनाव जीतने का लक्ष्य सिर्फ वित्तीय पहलुओं को सामने रखना है, तो ऐसी टिप्पणियों की क्या आवश्यकता है।
इससे पहले शरद पवार ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सताधारी दलों की सरकार द्वारा महिलाओं को रोजगार के नाम पर 10 हजार रुपए दिए जाने पर भी सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा कि इस तरह के कैश बेनिफिट की वजह से बिहार के चुनाव परिणाम प्रभावित हुए हैं।
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महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बारामती में मालेगांव नगर पंचायत का चुनाव प्रचार करते हुए कहा था कि अगर यहां के लोग हमारी पार्टी के सभी 18 उम्मीदवारों को जीत दिलाते है तो तो फंड की कोई कमी नहीं होगी, लेकिन अगर मेरे उम्मीदवारों को काट देंगे, यानी वोट नहीं देंगे तो मैं भी आपका फंड काट दूंगा। अगर आपके वोट की शक्ति है तो मेरे पास बतौर वित मंत्री फंड जारी करने का अधिकार है।
अजित पवार के इस बयान पर विपक्ष ने तीखा पलटवार किया था। विवाद बढ़ने के बाद अजित ने सफाई देते हुए कहा था कि मैंने कुछ गलत नहीं कहा, हर नेता चुनाव से पहले वादा करता है। डिप्टी सीएम ने यह भी कहा कि मैं इतने सालों से चुनाव लड़ रहा हूं।






