
पुणे न्यूज (सौ. डिजाइन फोटो )
Pune News In Hindi: दौंड तहसील के राजेगांव गांव में ग्राम पंचायत के भ्रष्ट और अनियमित कामकाज को लेकर ग्रामीणों ने अपना तीखा गुस्सा जाहिर करते हुए सीधे ग्राम पंचायत कार्यालय में ताला जड़ दिया।
यह अजीबोगरीब घटना तब घटी जब एक स्थगित ग्राम सभा में ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत के जमा-खर्च का हिसाब मांगा, जिस पर सरपंच और ग्राम सेवक ने जानकारी देने के बजाय अचानक सभा से भाग खड़े हुए। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उन्हें 2023 से 2025 तक की पूरी जमा खर्च की जानकारी नहीं मिल जाती, तब तक कार्यालय नहीं खोला जाएगा।
ग्रामीणों के इस कड़े रुख ने ग्राम पंचायत और स्थानीय प्रशासन के कामकाज पर एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। राजेगांव ग्राम पंचायत में ग्राम सभा आयोजित की गई थी। इस सभा से पहले, ग्रामीणों ने लिखित आवेदन देकर 2023 से 2025 की अवधि के लिए ग्राम पंचायत के संपूर्ण आय-व्यय का हिसाब और जानकारी लिखित रूप में मांगी थी।
उनका उद्देश्य था कि यह जानकारी ग्राम सभा में सामने आए और खचों पर खुली चर्चा हो सके। लेकिन जब ग्रामीणों ने ग्राम सभा में यह जानकारी देने की मांग की, तो ग्राम पंचायत प्रशासन की ओर से कोई भी संतोषजनक उत्तर या लिखित जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई।
प्रशासन द्वारा जानकारी देने में असमर्थता जताई जाने के कारण ग्रामीणों में असंतोष फैल गया। ग्रामीणों ने प्रशासन को लिखित ज्ञापन देकर तत्काल जानकारी उपलब्ध कराने की मांग की है। आय-व्यय की संतोषजनक जानकारी न मिलने पर राजेगांव के ग्रामीण अत्यधिक आक्रोशित हो गए।
ग्रामीणों का बढ़ता गुस्सा और तीखे सवाल देखकर, सरपंच और ग्राम सेवक चलती ग्राम सभा से ही अचानक भाग खड़े हुए। प्रशासन के इस गैर-जिम्मेदाराना रवैये से भड़के ग्रामीणों ने इसे लोकतांत्रिक सभा में अनुचित मानते हुए, सर्वसम्मति से ग्राम पंचायत कार्यालय पर ताला लगा दिया। ग्रामीणों ने घोषणा की है कि जब तक उन्हें 2023 से 2025 तक का संपूर्ण हिसाब नहीं मिलता, तब तक ताला नहीं खोला जाएगा।
ग्रामीणों की इस सख्त कार्रवाई ने ग्राम पंचायत के कामकाज पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। ज्ञापन पर मुकेश गुणवरे, शहाजी गुणवरे समेत कई ग्रामीणों ने हस्ताक्षर किए हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि तत्काल आय-व्यय की जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई, तो उनका आंदोलन और भी अधिक तीव्र किया जाएगा।
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