
शीतल तेजवानी व पार्थ पवार (सोर्स: सोशल मीडिया)
Sheetal Tejwani Arrested: पुणे कोरेगांव पार्क के पास मुंढवा में स्थित 40 एकड़ जमीन घोटाला मामले में स्थानीय निकाय चुनाव के ऐन बाद बड़ी कार्रवाई करते हुए पुणे पुलिस ने शीतल तेजवानी को गिरफ्तार कर लिया है। जमीन पर कब्जा जमाने के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी और फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करने के गंभीर आरोप तेजवानी पर हैं। इस मामले ने राजनीतिक सरगर्मी भी बढ़ा दी है, क्योंकि जमीन लेन-देन का यह मामला सीधे सूबे के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के पुत्र पार्थ पवार की कंपनी से जुड़ा है।
स्थानीय निकाय चुनाव के दौरान धीमी चल रही कार्रवाई अब तेज हो गई है और पुलिस इस मामले से जुड़े पूरे नेटवर्क की जांच में जुट गई है। पुणे पुलिस ने पहले भी शीतल से विस्तृत पूछताछ की थी। जांच के दौरान उसके खिलाफ कई महत्त्वपूर्ण तथ्य और दस्तावेज सामने आए जिससे उसके सीधे संबंधों की पुष्टि हुई। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
यह घोटाला तब सामने आया जब कोरेगांव पार्क स्थित सरकारी एवं वतन जमीन को निजी लोगों के नाम पर हस्तांतरित करने का प्रयास किया गया। जांच में पाया गया कि जमीन के असली मालिकाना हक को छिपाकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए थे। आरोप है कि जमीन का वास्तविक मूल्य करोड़ों में होने के बावजूद उसे गलत कागजातों के आधार पर बेहद कम कीमत में दिखाकर सौदा किया गया।
मिली जानकारी के अनुसार शीतल तेजवानी ने 272 जमीन मालिकों को झांसा देकर पॉवर ऑफ अटॉर्नी हासिल कर ली। इसके बाद उसने पार्थ की अमेडिया कंपनी को 1800 करोड़ रुपये की जमीन 300 करोड़ रुपये में बेचने का सौदा तय किया।
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इस कंपनी में पार्थ की 99% भागीदारी है, जबकि मात्र एक प्रतिशत दिग्विजय पाटिल के पास है। पाटिल, पार्थ की मां सुनेत्रा पवार के भतीजे हैं। आरोप लगाया गया है कि इस विक्री में सरकारी भूमि पर स्वामित्व प्रतिबंधों का उल्लंघन किया गया है तथा स्टाम्प शुल्क को अवैध रूप से माफ कर दिया गया है।






