पुणे कोर्ट (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: वढ़गांवशेरी क्षेत्र को एक वरिष्ठ नागरिक महिला की जमीन हड़पने के मामले में एक ही प्रकरण पर पुणे पुलिस के दो विभागों की विरोधाभासी रिपोर्ट सामने आई है।
स्थानीय पुलिस ने इसे फौजदारी अपराध (क्रिमिनल अॅफिन्स) बताया, जबकि आर्थिक गुन्हे शाखा (BOW) ने इसे दिवानी विवाद (सिविल डिस्प्यूट) करार दिया।
दोनों विभागों के अलग-अलग निष्कर्षों से मामला उलझ गया और आखिरकार अदालत को हस्तक्षेप कर पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के आदेश देने पड़े। बड़गांवशेरी निवासी सुमन देवी चंदूलाल तालेरा ने अपनी जमीन पर रिश्तेदारों द्वारा की गई फर्जीवाड़े और कब्जे की शिकायत चंदन नगर पुलिस थाने में दर्ज कराई थी।
शिकायत की जांच स्थानीय पुलिस और आर्थिक गुन्हे शाखा दोनों ने अलग-अलग की। चंदन नगर पुलिस की जांच रिपोर्ट में यह मामला धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और साजिश रचने से संबंधित पाया गया। सहायक निरीक्षक प्रशांत माने द्वारा तैयार की गई जांच रिपोर्ट तत्कालीन वरिष्ठ निरीक्षक मनिषा पाटील ने परिमंडल 4 के तत्कालीन उपायुक्त को भेजी थी। रिपोर्ट में IPC की धारा 420, 406, 448, 34 के अंतर्गत अपराध दर्ज करने की सिफारिश की गई थी, जिसे उपायुक्त ने 6 जून 2024 को मंजूरी दी। लेकिन, वास्तव में एफआईआर दर्ज नहीं की गई।
ये भी पढ़ें :- Pune News: पिंपरखेड में तेंदुए ने साढ़े पांच साल की बच्ची को बनाया शिकार, गांव में दहशत
सुमन देवी तालेरा ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS) की धारा 175/3) के तहत अदालत में आवेदन दाखिल किया। दस्तावेजों और सबूतों की समीक्षा के बाद प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट एन। एस। बारी ने यह मानते हुए कि आरोपी प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध के दोषी प्रतीत होते है। पुलिस को मामला दर्ज करने का आदेश दिया। इस आदेश के बाद कार्रवाई शुरू की गई, लेकिन आरोपी पक्ष ने अदालत में क्रिमिनल रिवीजन दाखिल किया। आरोपियों द्वारा दाखिल क्रिमिनल रिवीजन याचिका को जिला एवं सत्र न्यायालय ने मंजूर कर लिया। गुरुवार को दिए गए आदेश में सत्र न्यायालय ने चंदन नगर पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का प्रथम श्रेणी न्यायालय का आदेश रद्द कर दिया,