बाॅम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ (सोर्स: सोशल मीडिया)
Nagpur News In Hindi: नागपुर तहसील पुलिस थाना की ओर से भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 164 के तहत अधिकारों का हवाला देते हुए 30 जुलाई 2025 को इमारत को सील कर दिया गया था। यहां तक कि पुलिस ने विष्णु अडवाणी को एक कब्जा रसीद भी जारी की थी जिसे चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।
इस पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने पुलिस को किसी संपत्ति को सील करने का कोई अधिकार नहीं होने का हवाला देते हुए पुलिस को 24 घंटे के भीतर अडवाणी ढाबा सहित परिसर का कब्जा मालिक को बहाल करने का निर्देश दिया है। यहां तक कि पुलिस को संपत्ति सील करने को उचित ठहराने के लिए समय देने से भी इनकार कर दिया।
सुनवाई के दौरान सरकारी पक्ष द्वारा बताया गया कि पुलिस कार्रवाई वैध इरादों पर आधारित थी और औचित्य प्रदान करने के लिए समय देने का अनुरोध भी किया किंतु हाई कोर्ट के रुख को देखते हुए 24 घंटे के भीतर सुधारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया।
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को बताया गया कि न्यू इतवारी रोड, गांधी पुतला चौक, इतवारी में स्थित यह सम्पत्ति 1946 से याचिकाकर्ता विष्णु धनराज अडवाणी के वैध, शांतिपूर्ण और निरंतर कब्जे में रही है। इमारत का एक हिस्सा पहले गिडवानी भाइयों को किराये पर दिया गया था जहां जयशिव परमानंद गिडवानी एक रेस्तरां चलाते थे।
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20 अप्रैल 2022 को विष्णु अडवाणी ने गिडवानी से कब्जा वापस लिया और इसे स्वप्निल और बादल अडवाणी को पट्टे पर दिया। वर्तमान में विष्णु अडवाणी परिसर से अडवाणी ढाबा का संचालन कर रहे हैं।
याचिकाकर्ता के अनुसार जयशिव गिडवानी की शिकायत के आधार पर 16 मई 2025 को स्वप्निल अडवाणी के खिलाफ एक अपराध दर्ज किया गया था। बाद में गिडवानी, उनके परिवार के सदस्य और गोट्याभाऊ ने कथित तौर पर अडवाणी को धमकी देना शुरू कर दिया जिसके बाद गोट्याभाऊ और अन्य के खिलाफ भी एक अपराध दर्ज किया गया।
दोनों पक्षों की दलीलों के बाद कोर्ट ने फैसले में स्पष्ट किया कि पुलिस के पास संपत्ति सील करने का कोई अधिकार नहीं है और ऐसी किसी भी कार्रवाई को कानूनन गलत माना जाएगा। याचिकाकर्ताओं की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता अक्षय नाईक, अधिवक्ता मोहित खजांची और अधि। सुमित बोधलकर ने की।