पिंपरी चिंचवाड़ के 30 स्कूलों में प्रिंसिपल के पद खाली (pic credit; social media)
Principal posts vacant in 30 schools: पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका के 105 प्राथमिक विद्यालयों में से लगभग 30 में प्रधानाध्यापक के पद खाली हैं। वरिष्ठ शिक्षक पदोन्नति लेने से इनकार कर रहे हैं, जिसके चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और शिक्षकों पर अतिरिक्त जिम्मेदारी बढ़ गई है।
शिक्षकों को अब शिक्षण के साथ-साथ स्कूल के प्रशासनिक और गैर-शैक्षणिक काम भी संभालने पड़ रहे हैं। इनमें मध्याहन भोजन का प्रबंधन, स्कूल समिति की बैठकों में भाग लेना और अन्य प्रबंधन कार्य शामिल हैं। प्रभारी प्रधानाध्यापकों के तौर पर वरिष्ठ शिक्षकों को नियुक्त किया गया है, लेकिन उनकी ओर से यह जिम्मेदारी स्वीकार न करने से स्कूल संचालन में बाधा आ रही है।
शैक्षणिक सत्र शुरू हुए दो महीने बीत चुके हैं, फिर भी प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति नहीं हुई है। पिछले एक साल में सेवानिवृत्ति और अन्य कारणों से 84 पद खाली हो गए थे। जून से शिक्षकों की वरिष्ठता सूची के आधार पर पदोन्नति प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन अधिकांश शिक्षक पदोन्नति लेने को तैयार नहीं हैं।
इसे भी पढ़ें- Pune News: पिंपरी-चिंचवड़ महापालिका चुनाव, दिवाली के बाद सत्ता की जंग तेज होने वाली
प्रशासन का कहना है कि 100 से अधिक बच्चों वाले स्कूलों में पूर्णकालिक प्रधानाध्यापक का होना अनिवार्य है, लेकिन इन 30 स्कूलों में यह नियम पूरी तरह से टूट गया है। शिक्षकों का कहना है कि अतिरिक्त काम का बोझ उनके लिए चुनौती बन गया है और इस कारण वे पढ़ाई पर पूरा ध्यान नहीं दे पा रहे।
शिक्षा विभाग ने कहा है कि जल्द ही प्रक्रिया पूरी कर प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति की जाएगी। लेकिन शिक्षक पदोन्नति लेने से मना करते रहे तो बच्चों की पढ़ाई और स्कूल संचालन में बाधा बनी रहेगी।
नौसिखिए छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञों ने कहा है कि ऐसे खाली पद और शिक्षा में अव्यवस्था भविष्य में बच्चों की शिक्षा को कमजोर कर सकते हैं। उन्हें सही मार्गदर्शन और ध्यान देने के लिए स्कूल में पूर्णकालिक प्रधानाध्यापक की नियुक्ति जरूरी है।
प्रशासन और शिक्षा विभाग इस समस्या के समाधान के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन शिक्षक पदोन्नति लेने से इनकार कर रहे हैं, जिससे समस्या और बढ़ गई है। इस स्थिति में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और स्कूल प्रबंधन भी चुनौतीपूर्ण बन गया है।