अजित पवार (pic credit; social media)
Maharashtra News: पुणे महानगर पालिका चुनाव से पहले जारी की गई नई वार्ड संरचना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। मसौदे पर न केवल विपक्ष, बल्कि सत्ताधारी दल के कुछ नेताओं ने भी सवाल उठाए हैं। सबसे तीखी प्रतिक्रिया राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) से आई है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की शिकायतें सुनने के बाद सीधे बीजेपी नेताओं को फोन कर फटकार लगाई और जवाब तलब किया।
पुणे शहर कांग्रेस अध्यक्ष अरविंद शिंदे ने नई वार्ड संरचना को “चिड़ियाघर की जानवरों की तस्वीर” करार देते हुए व्यंग्य किया। उन्होंने कहा कि वार्ड बनाते समय प्राकृतिक सीमाओं जैसे नदी, नाले और मुख्य सड़कों को नजरअंदाज कर दिया गया है। कांग्रेस और एनसीपी नेताओं का आरोप है कि पिछड़े वर्ग की बस्तियों को जानबूझकर विभाजित किया गया ताकि आरक्षण पर असर डाला जा सके।
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कांग्रेस और महाविकास आघाड़ी का आरोप है कि पूरी वार्ड संरचना सत्ताधारी दल के राजनीतिक दबाव में बनाई गई है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी के पूर्व नगरसेवक गणेश बिडकर के वार्ड में अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए आरक्षण नहीं रखा गया।
इस विवाद को देखते हुए राज्य सरकार ने आईएएस अधिकारी वी. राधा को आपत्तियों और सुझावों की सुनवाई के लिए नियुक्त किया है। सुनवाई पूरी होने के बाद ही वार्ड संरचना को अंतिम रूप दिया जाएगा। आपत्तियां दर्ज कराने की अंतिम तिथि 4 सितंबर रखी गई है।
एनसीपी (अजित पवार गुट) के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि वार्डों का विभाजन भाजपा के हित में किया गया है। इस पर अजित पवार ने भाजपा नेताओं से कड़े शब्दों में सवाल पूछे। उनका संकेत है कि अंतिम वार्ड संरचना पर राज्य स्तर से हस्तक्षेप किया जा सकता है।