पीएमआरडीए (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (PMRDA) उन किसानों को 6.25% विकसित भूमि का रिटर्न दे रहा है, जिनकी जमीनें 1972 से 1983 के बीच तत्कालीन पिंपरी-चिंचवड़ न्यू टाउन डेवलपमेंट अथॉरिटी (PCNTDA) के लिए अधिग्रहित की गई थी।
इस योजना का उद्देश्य उन किसानों और उनके वारिसों को मुआवजा देना है, जिन्होंने दशकों पहले अपनी जमीनें सार्वजनिक विकास के लिए दी थीं। इस संबंध में मंगलवार को सुबह 11 बजे ग।दी। माडगूलकर सभागृह में एक विशेष संवाद सत्र आयोजित किया जाएगा। इस सत्र का मुख्य उद्देश्य उन सभी पात्र लाभार्थियों को जानकारी देना है, जिन्होंने अभी तक आवेदन नहीं किया है, या जिनके आवेदनों में दस्तावेजों की कमी के कारण त्रुटियां पाई गई हैं।
PMRDA के भूमि और संपत्ति विभाग के संयुक्त आयुक्त, हिम्मत खराडे ने सभी पात्र किसानों और उनके वारिसों से इस संवाद सत्र में उपस्थित रहने का आग्रह किया है। इस बैठक में, 6.25% भूमि वापसी के लिए आवश्यक दस्तावेज, आवेदन प्रक्रिया, कार्यप्रणाली और अन्य संबंधित विषयों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। यह किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है ताकि वे अपनी सभी शंकाओं को दूर कर सकें और आवश्यक मार्गदर्शन प्राप्त कर सकें।
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यह योजना एक नीतिगत निर्णय है जो उन किसानों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए लाई गई है, जिनकी उपजाऊ जमीनें सरकार ने सार्वजनिक उपयोग के लिए अधिग्रहित की थीं। आमतौर पर, सरकारें नकद मुआवजा देती हैं, लेकिन इस नीति के तहत, जमीन के मालिक को अधिग्रहित की गई कुल भूमि का 6.25% हिस्सा विकसित प्लॉट के रूप में वापस दिया जाता है। यह भूमि आमतौर पर विकसित होती है, जिसमें सड़कें, जल निकासी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं होती हैं। इससे किसानों को केवल मौद्रिक मुआवजा नहीं मिलता, बल्कि उन्हें एक मूल्यवान संपत्ति मिलती है जिसका मूल्य समय के साथ बढ़ता है। यह योजना किसानों को शहरी विकास का हिस्सा बनने और आर्थिक रूप से सशक्त होने का अवसर देती है।