तेज बारिश में दरिंदगी! (सौजन्यः सोशल मीडिया)
पुणे: तेज़ बारिश में छतरी थामे अकेली महिला सड़क किनारे चल रही थी। अचानक एक अजनबी बाइक सवार ने उसका पीछा किया, रास्ता रोका और फिर निर्जन खेत के पास झाड़ियों में घसीटकर ले गया और महिला के साथ दुष्कर्म किया। यह खौफनाक वारदात पुणे के पास ठाकुरसाई मार्ग पर 15 जुलाई की दोपहर घटित हुई। सबसे दर्दनाक बात यह है कि पीड़िता जब रोते-बिलखते अपने पति के पास पहुंची, तो उसने भी उसे दोषी ठहराते हुए घर से बाहर निकाल दिया।
पीड़िता पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाली एक आदिवासी महिला है। वह बारिश के दौरान अकेली सड़क पर जा रही थी। इसी दौरान आरोपी ने बाइक से उसका पीछा किया और सुनसान मोड़ पर रास्ता रोककर उसे खेत के पास झाड़ियों में जबरदस्ती ले गया। महिला ने जान बचाने की गुहार लगाई, लेकिन मूसलधार बारिश में कोई सुनने वाला नहीं था।
वारदात के बाद जब वह किसी तरह घर पहुंची, तो पति ने न केवल उसका विश्वास तोड़ा, बल्कि उसे घर से निकालकर दूसरी बार मानसिक रूप से तोड़ दिया। मजबूरन महिला को अपनी मां के पास जाना पड़ा, जहां उसने पूरी घटना बताई। इसके बाद 16 जुलाई को लोणावला ग्रामीण पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई।
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पुलिस अधीक्षक संदीपसिंह गिल्ल के निर्देश पर जांच तेज़ हुई। अपर पुलिस अधीक्षक रमेश चोपडे, उपविभागीय अधिकारी अमोल मांडवे, और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने खुद मौके पर जाकर विशेष टीम गठित की। महिला की मदद से आरोपी का स्केच तैयार किया गया और फिर सीसीटीवी फुटेज की मदद से 17 जुलाई को आरोपी बाळू दत्तू शिर्के को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस की यह त्वरित कार्रवाई न सिर्फ पीड़िता के लिए राहत बनी, बल्कि समाज को यह संदेश भी दिया कि अपराधी कितनी भी कोशिश करे, कानून से बच नहीं सकता।
इस केस में संवेदनशीलता का जो उदाहरण पुलिस टीम ने पेश किया, वह सराहनीय है। महिला को मानसिक सहारा देने से लेकर आरोपी को पकड़ने तक हर स्तर पर तत्परता दिखाई गई।
फिलहाल, इस मामले की जांच महिला सहायक निरीक्षक विजया म्हेत्रे कर रही हैं। पुलिस का कहना है कि आरोपी को सख्त से सख्त सज़ा दिलाई जाएगी। यह घटना सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि उस समाज का आइना है जो पीड़िता की बजाय अपराधी को बचाने की मानसिकता रखता है।