
अजित पवार के साथ पार्थ पवार व सीएम देवेंद्र फडणवीस (सोर्स: सोशल मीडिया)
CM Fadnavis Action Parth Pawars Land Scam: महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर एक बड़े आर्थिक घोटाले के आरोपों से गरमा गई है। इस बार आरोपों के केंद्र में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार हैं। उन पर आरोप है कि उनकी कंपनी ने पुणे में 1804 करोड़ रुपए की जमीन सिर्फ 300 करोड़ रुपए में खरीदी है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुणे जमीन घोटाले के आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं, जिसमें पार्थ पवार का नाम शामिल है। उन्होंने कहा कि अगर कोई अनियमितता पाई जाती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार के पुत्र पार्थ पवार पर पुणे में कथित जमीन खरीद लेनदेन में गंभीर घोटाले के आरोप लगाए हैं। दमानिया ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोस्ट के माध्यम से सबूत के तौर पर कुछ कागजात भी साझा किए हैं।
आरोपों के अनुसार, पार्थ पवार जिस कंपनी Amadea Holdings LLP के निदेशक हैं, उसने कथित तौर पर ₹1804 करोड़ मूल्य की महार वतन जमीन केवल ₹300 करोड़ में खरीदी। दमानिया ने यह दावा किया है कि इस बड़े जमीन सौदे का मूल्य स्टैंप ड्यूटी से बचने के लिए कम दिखाया गया।
अजित पवारांची ही केस …. एकनाथ खडसेंसारखीच नाही का ? मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आता त्यांच्या लाडक्या उप मुख्यमंत्र्यांवर कारवाई करणार ? पार्थ अजित पवार हे डायरेक्टर असलेल्या Amadea Holdings LLP नावाच्या कंपनीने, १८०४ कोटीची महार वतनाची जमीन ३०० कोटीला घेतली? ह्या व्यवहारात २… pic.twitter.com/kQgRlCSgh2 — Mrs Anjali Damania (@anjali_damania) November 5, 2025
दमानिया ने इस सौदे की वित्तीय अनियमितता पर सवाल उठाते हुए कहा कि 1804 करोड़ रुपए के वास्तविक मूल्य पर 126 करोड़ रुपए की स्टैंप ड्यूटी बनती थी। हालांकि, कथित तौर पर सौदे को ₹300 करोड़ का दिखाया गया, और उस पर बनने वाली ₹21 करोड़ की स्टैंप ड्यूटी को भी माफ कर दिया गया। दमानिया ने इस मामले में दो दिनों के भीतर स्टैंप ड्यूटी माफ करने के आदेश आने का मुद्दा उठाया।
अंजलि दमानिया ने सीधे अजित पवार को निशाना बनाया है। उन्होंने अजित पवार के किसानों को लेकर दिए गए बयान का हवाला देते हुए पूछा कि किसानों हमेशा फ्री और कर्ज माफी चाहिए ऐसा बोलने वाले अजित पवार ने अपने बेटे का 1804 करोड़ का सौदा जिस पर 126 करोड़ की स्टाम्प ड्यूटी थी, इस सौदे को 300 करोड़ का दिखाया और इस पर 21 करोड़ माफ भी कर दिए गए। क्या ये फ्री नहीं था क्या?
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अंजलि दमानिया ने एक पोस्ट में इस मामले की विस्तृत जानकारी दी है। अंजलि दमानिया ने पूछा है, “क्या अजित पवार का यह मामला एकनाथ खडसे जैसा नहीं है? क्या अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अपने प्रिय उपमुख्यमंत्री के खिलाफ कार्रवाई करेंगे?”
अंजलि आगे कहा है कि अमाडिया होल्डिंग्स एलएलपी नामक कंपनी ने 1804 करोड़ रुपये की महार वतन जमीन 300 करोड़ रुपये में खरीदी? इस लेन-देन में दो दिनों के भीतर स्टाम्प शुल्क माफ करने का आदेश जारी किया गया? इस कंपनी के निदेशक पार्थ अजित पवार हैं।
दमानिया ने यह भी मुद्दा उठाया कि यह जमीन महार वतन की है। Bombay Inferior Village Watans Abolition Act, 1958 की धारा 5(3) के तहत, इस तरह की जमीन को सरकार की अनुमति के बिना बेचा, हस्तांतरित या गिरवी नहीं रखा जा सकता। यदि यह बिक्री बिना अनुमति के हुई है, तो यह अवैध हस्तांतरण है और जमीन सरकार के पास वापस जा सकती है। दमानिया ने राजस्व मंत्री से इस जमीन को जब्त करने का आदेश देने के लिए सवाल किया है।






