पिंपरी: घरेलू कूड़ा संचलन के लिए हर माह 60 रुपए के हिसाब से 720 रुपए सालाना उपयोगकर्ता शुल्क (User Fee) निर्धारण की शुरुआत हो गई है। यह राशि पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) ने जारी वित्त वर्ष के संपत्ति कर के बिल (Property Tax Bill) में जोड़ने की घोषणा की गई है। इसके बाद अब औद्योगिक परिसर के कूड़ा संचलन के लिए सभी कंपनियों से क्षेत्रफल के अनुसार उपयोगकर्ता शुल्क निर्धारण किया जाएगा, इसके लिए स्थायी समिति की बैठक में पेश प्रस्ताव को महानगरपालिका के कमिश्नर और प्रशासक शेखर सिंह (PCMC Commissioner Shekhar Singh) ने मंजूरी दी है। बहरहाल शहरवासियों के साथ औद्योगिक क्षेत्र में भी इस फैसले को लेकर नाराजगी व्याप्त हो गई है।
महानगरपालिका के माध्यम से शहर में स्वच्छता और नागरी स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से शहर में ठोस अपशिष्ट को संभाला और प्रबंधित किया जाता है। नागरिकों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए करीब 100 करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं। शहर की संपत्तियों से वसूले जाने वाले उपयोगकर्ता शुल्क से स्वास्थ्य खर्च की आंशिक भरपाई कर नागरिकों को बेहतर सुविधा देने का प्रयास है। इस क्रम में सभी संपत्तियों से उपयोगकर्ता शुल्क वसूला जा रहा है। महाराष्ट्र महानगरपालिका अधिनियम, 1949 के तहत, महानगरपालिकाओं के लिए ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन और हैंडलिंग), स्वच्छता और स्वास्थ्य उपनियम 2019 के अनुसार, महानगरपालिका की सीमा के भीतर संपत्तियों के लिए उपयोगकर्ता शुल्क के संग्रह की प्रक्रिया को लागू किया जा रहा हैं।
यह शुल्क शहर के घर, दुकान और क्लिनिक, शोरूम, गोदाम, रेस्तरां और होटल, आवास और भोजन के साथ होटल, अस्पताल, शैक्षणिक संस्थान छात्रावास, धार्मिक संस्थान, सरकारी और अर्ध-सरकारी कार्यालय, विवाह कार्यालय और मनोरंजन हॉल, शॉपिंग सेंटर आदि से वसूल जाना है। मासिक शुल्क को वार्षिक शुल्क में परिवर्तित कर दिया गया है। उपयोगकर्ता शुल्क निर्धारण को लेकर औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की गई थी। इसमें कंपनियों से ठोस अपशिष्ट संचालन शुल्क निर्धारण को लेकर चर्चा की गई।
राज्य सरकार के 11 जुलाई 2019 के फैसले के मुताबिक, एक अप्रैल से यह शुल्क निर्धारण शुरू कर दिया गया है। इसके अनुसार घरेलू कूड़ा संचालन के बाद औद्योगिक क्षेत्र के कूड़ा संचालन के लिए उपयोगकर्ता शुल्क निर्धारण लागू किया जा रहा है। कंपनियों से यह शुल्क कंपनी के क्षेत्रफल के हिसाब से निर्धारित किया जाएगा। तदनुसार एक हजार वर्ग फीट क्षेत्र के लिए 100 रुपए, 1001 से 2000 वर्ग फीट क्षेत्र के लिए 200 रुपए, 3001 से 5000 वर्ग फीट क्षेत्र के लिए 300 रुपए और 5001 वर्ग फीट से ज्यादा क्षेत्र के लिए 500 रुपए मासिक शुल्क लिया जाएगा।