
देवेंद्र फडणवीस (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज के गौरवशाली इतिहास को स्वतंत्रता के बाद भी दबाने का प्रयास किया गया। वे इचलकरंजी के के एल मलाबादे चौक में धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज स्मारक के लोकार्पण कार्यक्रम में बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि औरंगजेब को लगा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज के बाद वह पूरे महाराष्ट्र पर कब्जा कर लेगा और हिंदवी स्वराज्य समाप्त हो जाएगा, लेकिन छत्रपति संभाजी महाराज एक जलती हुई तलवार की तरह थे। उन्होंने नौ वर्षों तक औरंगजेब को संघर्ष में उलझाए रखा।
औरंगजेब महाराष्ट्र आया जरूर, लेकिन मराठों ने उसकी कक्ष भी यहीं खोदी। वह कभी मराठी मुल्क जीत नहीं पाया। उन्होंने बताया कि छत्रपति संभाजी महाराज ने अपने 9 वर्षों के शासनकाल में 120 युद्ध लड़े और एक भी युद्ध नहीं हारे। यदि वे विश्वासघात में शहीद न हुए होते, तो देश का इतिहास ही कुछ और होता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुभाग्य से लंबे समय तक इतिहास को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। ‘सीबीएसई के पाठ्यक्रम में मुगलों के इतिहास के 17 पन्ने थे, जबकि छत्रपति शिवाजी महाराज पर केवल एक अनुच्छेद। हम बाबर, अकबर और औरंगजेब को विस्तार से पढ़ते थे।
अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णय से यह स्थिति बदली है। मुगलों का इतिहास एक अनुच्छेद में सिमटा है, जबकि छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास को 21 पन्ने दिए गए हैं। अब बच्चों को मराठी और हिंदवी स्वराज्य का सच्चा इतिहास पढ़ने को मिल रहा है।
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फडणवीस ने कहा कि यदि विश्वासघात न होता, तो औरंगजेब और मुगलों में छत्रपति संभाजी महाराज को परास्त करने की क्षमता नहीं थी। वे महान योद्धा, कुशल रणनीतिकार और युद्धनीति के जानकार थे। मात्र 14 वर्ष की उम्र में संस्कृत ग्रंथ लिखने वाले संभाजी महाराज ।। भाषाओं के ज्ञाता थे और उन्होंने साहित्य व नाट्य की भी रचना की। उन्होंने शौर्य का सही अर्थ देश को सिखाया।






