मुंबई: दिल्ली हाई कोर्ट में बर्खास्त पूर्व ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की जमानत याचिका पर सुनवाई होगी। इससे पहले खेडकर को कोर्ट ने 29 अगस्त तक गिरफ्तारी से राहत दी थी। इससे पहले UPSC ने पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस का एग्जाम देने के मामले में FIR दर्ज कराई थी और 31 जुलाई को आयोग ने खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी। साथ ही, उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से रोक दिया।
बता दें कि साल 2023 बैच की ट्रेनी IAS अफसर रहीं पूजा के खिलाफ UPSC ने पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस का एग्जाम देने के मामले में FIR दर्ज कराई थी। 31 जुलाई को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की अनंतिम उम्मीदवारी रद्द कर दी थी और योग्यता से परे सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी से प्रयास करने के लिए उन पर भविष्य की सभी परीक्षाओं में शामिल होने पर रोक लगा दी थी। खेडकर पर अन्य आरोपों के अलावा दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग या ओबीसी (गैर-क्रीमी लेयर) कोटा का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया गया है।
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लेकिन खेडकर ने इन आरोपों का विरोध किया है और अदालत में कहा है कि उन्होंने कभी भी अपने नाम या पहचान के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की है। पूजा खेडकर ने दिल्ली हाई कोर्ट में स्पष्ट किया है कि उन्होंने किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या गलत जानकारी संघ लोक सेवा आयोग को नहीं दी है। पूजा खेडकर ने अपने जवाब में कहा है कि 2012 से 2022 तक उनके नाम या उपनाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि “यूपीएससी ने मेरी पहचान बायोमेट्रिक डेटा के माध्यम से सत्यापित की थी, और आयोग ने मेरे द्वारा प्रस्तुत किए गए सभी दस्तावेजों को मान्य पाया था।”
पूर्व प्रशिक्षु आईएएस पूजा खेडकर ने अदालत में यह भी कहा कि उन्होंने सभी दस्तावेज और विवरण, जैसे कि शैक्षणिक प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, जन्मतिथि, और व्यक्तिगत जानकारी सही तरीके से जमा किए हैं। खेडकर में अपने फर्जी दस्तावेज सहित अन्य सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया हैं।