घूंट-घूंट पानी को तरसता 'वो' गांव। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नासिक: गर्मी के मौसम में महाराष्ट्र के कई गांव पानी की कमी से जूझते हर साल दिखाई देते हैं। लेकिन अब जो वीडियो नासिक से सामने आया है, उसने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। गर्मी बढ़ती जा रही है और नासिक के कई इलाके गंभीर जल संकट का सामना कर रहे हैं।
नासिक जिले के पेठ तालुका के बोरीचिवाड़ी गांव में पानी की कमी किस हद तक है, यह दिखाने वाला एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें महिलाओं को पानी लाने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलकर जाना पड़ता है। इतना ही नहीं, महिलाएं गहरे कुओं से पानी निकालने के लिए अपनी जान जोखिम में डालती नजर आ रही हैं।
महिलाएं लगभग 70 फीट नीचे कुएं में उतरकर गंदा पानी भरने के लिए मजबूर हैं। वीडियो में कुछ महिलाएं एक कुएं को घेरकर खड़ी हुई हैं। उनके हाथ में पानी भरने के लिए बर्तन हैं। सभी अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। तभी एक महिला रस्सी के सहारे जान जोखिम में डालकर कुएं में उतरती है और अपने बर्तन में पानी भरती है। लगभग सूख चुके इस कुएं में नाम मात्र ही पानी नजर आ रहा है।
#WATCH महाराष्ट्र: नासिक जिले के तालुका पेठ के बोरीचिवारी गांव में जल संकट गहरा गया है। कुएं सूख गए हैं। pic.twitter.com/ASdR4itg3g — ANI_HindiNews (@AHindinews) April 20, 2025
साल 2022 में भूजल सर्वेक्षण में पता चला था कि पुणे, नासिक, धुले, जलगांव, नंदुरबार और अमरावती जिलों के 15 ब्लॉकों के 213 गांवों को अप्रैल से ही पेयजल की कमी का सामना करना पड़ता है। वहीं, 2025 में भूजल सर्वेक्षण विभाग की रिपोर्ट आने के बाद नासिक जिले के 776 गांवों में कुआं खोदने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, ताकि पानी का दोहन न किया जा सके।
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महिलाओं ने बताया कि उनका अधिकतर समय पानी लाने में निकल जाता है। इससे घरेलू कामकाज और बच्चों की देखभाल प्रभावित हो रही है। महिलाओं ने बताया कि इससे न सिर्फ शारीरिक थकान होती है, बल्कि इसके साथ ही मानसिक तनाव भी बढ़ रहा है।
#WATCH | Maharashtra: A woman in Nashik’s Tondwal village says, ” There is no water in the village…we have to go here and there in search of water. We have small children…we need water…” (21.04) pic.twitter.com/rdAVodNzr9 — ANI (@ANI) April 22, 2025
तो वहीं नासिक जिला परिषद के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन ने इस संकट को हल करने के लिए 8.80 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। टैंकरों से पानी की आपूर्ति के लिए एक योजना तैयार की गई है।