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नाशिक : नाशिक जिले (Nashik District) में छात्राओं (Girl Students) द्वारा आत्महत्या (Suicide) का सिलसिला जारी है। अब सुरगाणा (Surgana) में ऑनलाइन पढ़ाई (Online Studies) में दिक्कत आने की वजह से एक 11वीं की छात्रा ने आत्महत्या कर ली है।
इस घटना से जिला एक बार फिर से सहम गया ह। अब सवाल उठ रहा है कि ऑनलाइन पढ़ाई से फायदा हो रहा है क्या ? कोरोना का सबसे ज्यादा असर विद्यार्थियों और छोटे बच्चों पर पड़ा है। स्कूल और कॉलेज निरंतर बंद रहने से उनकी पढ़ाई बाधित (Hampered) हो रही है।
अलुंगण के पोस्ट बेसिक अनुदानित आश्रम स्कूल की यह छात्रा 11वीं के साइंस फैकल्टी में थी। सोमवार से पहली से 12 तक के क्लास शुरू हो गए है। लेकिन इस छात्रा के पास खुद का मोबाइल नहीं था। इस वजह से ऑनलाइन क्लास और पढ़ाई में वह अन्य विधार्थियों से पीछे छूट रही थी। अन्य का मोबाइल लेकर उसे ऑनलाइन क्लास करना पड़ता था। लेकिन इसके बावजूद उसकी पढ़ाई पूरी नहीं हुई थी। पढ़ाई के बढ़ते दबाव और स्कूल खुलने का प्रेशर वह बर्दाश्त नहीं कर पाई। आखिरकार उसने सोमवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
कुछ दिन पहले सुरगाणा तालुका के शिंदे दिगर के आश्रम स्कूल की पांचवीं में पढ़ने वाली छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी। उसने स्कूल के लोहे की रॉड से फांसी लगा ली थी। पिछले साल दिसंबर में हरसुल के दपास बोरीपाडा सरकारी आश्रम स्कूल में 9वीं में पढ़ने वाली छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी। ये तीनों लड़की पढ़ने में तेज थी लेकिन परिस्थिति की वजह से इतनी कम उम्र में उन्होंने खुद को खत्म कर लिया।
नाशिक जिले के कई आदिवासी भाग की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। इन विद्यार्थियों का किसी तरह से आश्रम स्कूल में पढ़ाई चल रही थी। लेकिन कोरोना की वजह से ये आश्रम स्कूल बंद हो गए। उसके बाद ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हुई। आदिवासी भाग के गरीब लोगों के लिए मोबाइल खरीदना काफी मुश्किल है।