
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Nashik News: महाराष्ट्र के पुणे स्थित जैन बोर्डिंग की 3 एकड़ जमीन एक बिल्डर को बेचने के मामले में चल रहे विवाद में आज एक ऐतिहासिक फैसला आया है। चैरिटी कमिश्नर (धर्मादाय आयुक्त) ने अपनी पिछली अनुमति को रद्द कर दिया है, जिसके तहत बोर्डिंग के ट्रस्ट को यह जमीन बेचने की अनुमति दी गई थी। इस फैसले से हॉस्टल की जमीन की खरीद-बिक्री भी स्वचालित रूप से रद्द हो गई है।
पिछले 60 वर्षों से हजारों छात्रों को शिक्षा प्रदान करने वाले इस हॉस्टल को ट्रस्ट द्वारा अचानक बंद करने और जमीन बेचने के निर्णय से देशभर में बड़ा जनक्षोभ फैल गया था। जमीन की बिक्री में कई अनियमितताओं (गैरव्यवहार) के आरोप लगाए गए थे। इसके अलावा, परिसर में स्थित जैन मंदिर को भी बेचे जाने की बात ने समाज में आक्रोश को और बढ़ा दिया था, जिसके चलते देश के विभिन्न हिस्सों में भव्य विरोध मार्च (मोर्चे) निकाले गए थे।
इस गंभीर स्थिति में, परम पूज्य आचार्य गुप्तिनंदीजी गुरुदेव ने 1 नवंबर तक ‘सेल डीड’ (बिक्री पत्र) रद्द नहीं होने पर आमरण अनशन (उपोषणास) पर बैठने की घोषणा की थी, जिससे पूरे जैन समुदाय में रोष की भावना चरम पर थी।
आज चैरिटी कमिश्नर के समक्ष हुई सुनवाई में, कमिश्नर ने हॉस्टल की जमीन बेचने की अनुमति देने वाले अपने ही 4 अप्रैल 2025 के फैसले को रद्द कर दिया। इस फैसले के कारण अब होस्टल फिर से शुरू होगा, जिससे पूरे भारत में खुशी और संतोष का माहौल बन गया है।
नाशिक शहर में भी इस शुभ समाचार पर आनंदोत्सव मनाया गया। नासिक के अशोक स्तंभ पर सकल जैन समाज की ओर से भव्य जश्न का आयोजन किया गया। इस आनंदोत्सव में पारस लोहाडे, गणेश साखला, अनिल नहार, प्रमोद लोहाडे, मयुर जैन, भरत ठोळे, अशोक पाटणी, धन्नालाल दगडे, यतिश डुंगरवाल, सुभाष भंडारी, दिपक काळे, जितेंद्र सैतवाल, अशोक लोहाडे, अमित लोहाडे, अंशुल लाहोडे, यश लोहारे, संतोष पाटणी, विशाल गंगवाल आदि प्रमुख रूप से शामिल हुए।
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पारस लोहाडे ने इस अवसर पर कहा, “आज समाज में खुशी की लहर है। हॉस्टल के फिर से शुरू होने से हर साल सैकड़ों छात्रों को सुविधा मिलेगी, जिसके लिए सभी बहुत खुश हैं।






