संजय राउत (सोर्स: सोशल मीडिया)
नासिक: बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले के मुख्य आरोपी अक्षय शिंदे की मुंब्रा में पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई। अक्षय ने पुलिस की बंदूक छीनकर एक पुलिस कर्मचारी पर गोली चलाई, जिसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षा में गोलीबारी की, जिसमें अक्षय की मौत हुई। विपक्ष ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। अब संजय राउत ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर अक्षय के एनकाउंटर को लेकर निशाना साधा है।
संजय राउत ने कहा कि यह मामला संदेहास्पद है। मुंबई या देश भर में होने वाले एनकाउंटर कभी भी सच नहीं होते। इसमें कुछ न कुछ रहस्य होता है। कुछ न कुछ छुपाने की कोशिश होती है। उन्होंने आगे कहा कि जब यह घटना हुई, तब बदलापुर की जनता आरोपी को हमारे हवाले करो की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आई थी। उन्होंने रेलवे बंद कर दी, सड़कें ब्लॉक कर दी, मंत्रियों का घेराव किया।
राउत ने कहा कि पूरे राज्य में तनाव की स्थिति थी। लोग कह रहे थे, हमें आरोपी सौंपो, हम उसे फांसी पर लटकाएंगे या सजा देंगे। लेकिन मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में कानून का राज है, हम फास्टट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाएंगे। इसके बाद अगले दिन ही आंदोलनकारियों पर मामले दर्ज किए गए।
संजय राउत ने कहा कि इस मामले में सिर्फ एक आरोपी नहीं था, बल्कि एक बड़ा सर्कल था जिसमें संस्था के चालक और संचालक शामिल थे। उन्होंने सवाल किया, क्या एनकाउंटर सच में हुआ? जनता जानती है कि सच क्या है। जनता पर दर्ज किए गए मामले वापस लिए जाने चाहिए।
शिवसेना (यूबीटी) सांसद राउत ने कहा कि आगे कहा कि आरोपी का चेहरा ढका हुआ था, उसके हाथों में हथकड़ी थी फिर वह बंदूक कैसे चला सकता है? जो लड़का शौचालय साफ करता है, वह गोलियां कैसे चला सकता है? किसने उसे गोलियां चलाने की ट्रेनिंग दी। संजय राऊत ने एनकाउंटर की सच्चाई और आरोपी के बारे में कई सवाल उठाए हैं और मामले की जांच की मांग की है।
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राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि एक 24 वर्षीय लड़के ने पुलिस अधिकारी की कमर से पिस्तौल छीन ली। पिस्तौल लॉक थी। यह पूरी घटना संदिग्ध है। इस मामले में बड़े लोग शामिल हैं जो खुद को बचाना चाहते हैं। ये लोग जो भाजपा से जुड़े हुए हैं और संस्था के मालिक हैं, उन्होंने तुरंत सीसीटीवी फुटेज डिलीट कर दी। अगर संस्था के मालिक निर्दोष हैं तो उन्होंने सीसीटीवी फुटेज क्यों डिलीट की? देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे को इसका जवाब देना चाहिए।
राउत ने कहा कि बलात्कार करने वालों को तुरंत सजा मिलनी चाहिए, यह बालासाहेब ठाकरे की भी मांग थी। महाराष्ट्र में कई समस्याएं हैं। मनोज जरांगे ने जो माहौल बनाया है, क्या इसके चलते ध्यान बदलने के लिए यह किया गया? यह साधारण मामला नहीं है। न्यायालय प्रक्रिया में गुनहगार को सजा देने की जरूरत थी, फास्टट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने की जरूरत थी, फिर तुरंत एनकाउंटर क्यों किया गया? इसका जवाब देना चाहिए।
संजय राउत ने आरोप लगाते हुए कहा कि कोई भाग नहीं रहा था। पुलिस वैन में बेड़ियों से जकड़ा हुआ गुनहगार, बुरखा पहने हुए गुनहगार भाग कैसे सकता था? पुलिस अधिकारी की कमर से पिस्तौल कैसे निकाल सकता था? अगर हमारी पुलिस इतनी कमजोर है तो फडणवीस को इस्तीफा देना चाहिए।
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संजय राउत ने कहा कि देश और राज्य में कई एनकाउंटर हुए हैं। उनका मानना है कि उन्हें अंडरवर्ल्ड के बारे में जितनी जानकारी है, उतनी गृहमंत्री और एनकाउंटर करने वालों को भी नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि अगर संस्थाचालक दोषी नहीं हैं तो उन पर पोस्को के तहत केस क्यों दर्ज किया गया? उनका कहना है कि आरोपी ने अपने जवाब में कुछ खुलासे किए थे, इसलिए उसका एनकाउंटर हो गया। उनके अनुसार, किसी को बचाने के लिए पहले दिन से प्रयास किए जा रहे हैं।
उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने कहा कि एक शिंदे ने दूसरे शिंदे का एनकाउंटर किया, और अब दूसरे शिंदे का एनकाउंटर जनता करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरन्यायाधीश ने कल मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के साथ चाय पी, तो अब किस से अपेक्षा रखें? अजित पवार के मामले में चल रही सुनवाई में सरन्यायाधीश हास्य-विनोद कर रहे हैं, तो उनसे क्या अपेक्षा रखें?