
प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स: सोशल मीडिया )
Kumbh Development Authority: नासिक अपनी प्राचीन विरासत, पौराणिक मंदिरों और गोदावरी के पवित्र तटों के लिए विख्यात नासिक नगरी को अब महाराष्ट्र की ‘आध्यात्मिक राजधानी’ के रूप में नई पहचान मिलने जा रही है।
नासिक-त्र्यंबकेश्वर सिंहस्थ कुंभमेला विकास प्राधिकरण के आयुक्त शेखर सिंह ने शहर के शिक्षा, साहित्य और कला क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ बैठक कर आगामी सिंहस्थ कुंभ 2027 के लिए अपनी दूरगामी योजनाओं को साझा किया।
आगामी कुंभ मेला पिछले आयोजनों की तुलना में कहीं अधिक विशाल होने वाला है- 2015 के कुंभ में लगभग 2.5 करोड़ लोग आए थे।
लेकिन इस बार नासिक में 8 करोड़ और त्र्यंबकेश्वर में 4 करोड़ भक्तों के आने का अनुमान है। प्रयागराज कुंभ की तर्ज पर आधुनिक सुख-सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।
शहर के भीतर यातायात और बुनियादी ढांचे में बड़े बदलाव प्रस्तावित हैं। आयुक्त ने कॉलेजों और सामाजिक संस्थाओं से अपील की है कि वे निबंध लेखन, कार्यशालाओं और साहित्य प्रदर्शनियों के माध्यम से कुंभ के सांस्कृतिक महत्व को लोगों तक पहुँचाएं।
कुंभ मेले के दौरान होने वाली भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन एक अनोखे प्रस्ताव पर विचार कर रहा है- वर्ष 2027 में मुख्य पर्व (जुलाई से सितंबर) के दौरान ट्रैफिक और भीड़ प्रबंधन के लिए शैक्षणिक सत्र को सितंबर के बाद शुरू करने की संभावना तलाशी जा रही है।
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