शरद पवार (Image- Social Media)
Nashik News: आगामी स्थानीय स्वराज्य संस्था चुनाव की पृष्ठभूमि पर, राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार एक बार फिर से कांदा मुद्दे पर आंदोलन के लिए तैयार नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि अगर दिवाली तक कांदे के दाम स्थिर नहीं हुए, तो 15 अक्टूबर को नाशिक से एक बड़ा मोर्चा निकाला जाएगा।
गौरतलब है कि दिसंबर 2023 में लोकसभा चुनाव की पूर्वसंध्या पर केंद्र सरकार ने अचानक कांदा निर्यात बंदी लागू की थी, जिससे तीन राज्यों में किसानों के बीच भारी असंतोष फैल गया था। इसी के विरोध में शरद पवार ने मुंबई-नासिक महामार्ग पर चांदवड में रास्ता रोको आंदोलन में भाग लिया था।
इन दिनों कांदे के दाम 1000 से 1500 रुपये प्रति क्विंटल के बीच चल रहे हैं, जिसमें पिछले कुछ दिनों में और गिरावट आई है। लगातार बारिश की वजह से फसल को नुकसान पहुंचा है और किसानों को उत्पादन लागत भी नहीं मिल रही है। ऐसे में राष्ट्रवादी शरद पवार गुट के नेता विधायक रोहित पवार ने नाशिक दौरे के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा कि अगर दिवाली 14 अक्टूबर तक कांदे के दाम स्थिर नहीं होते, तो एक बार फिर आंदोलन किया जाएगा।
राष्ट्रवादी गुट के प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटील इस मोर्चे की तैयारी के सिलसिले में पहले से ही नाशिक में सक्रिय हैं। कृषिप्रधान नाशिक जिला हमेशा से शरद पवार का पसंदीदा क्षेत्र रहा है। पूर्ववर्ती सरकारों के समय उन्होंने नाशिक के किसानों के साथ कई प्रयोग किए थे। नाशिक, देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक जिला है और यहां की ग्रामीण अर्थव्यवस्था पूरी तरह से कृषि पर आधारित है।
पिछले 6 महीनों से प्याज की कीमतें बेहद कम हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। बारिश की वजह से हजारों हेक्टेयर की फसल नष्ट हो चुकी है। इसीलिए, शरद पवार गुट ने नाशिक को आंदोलन की रणनीति का केंद्र बनाने का फैसला किया है। लेकिन पार्टी के कुछ वरिष्ठ विधायक छोड़ चुके हैं, फिर भी तीसरी बार लोकसभा चुनाव से पहले नाशिक को भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण बना दिया गया है। खासकर मंत्री डॉ. भारती पवार के लिए यह सीट कठिन होती जा रही है।
जबकि विधानसभा चुनावों में ऐसा दृश्य नजर नहीं आया था। महाविकास आघाड़ी में भी सीटों को लेकर टकराव की स्थिति रही थी। अब, स्थानीय निकाय चुनावों के मद्देनजर शरद पवार फिर से मोर्चेबंदी में सक्रिय हो गए हैं। 14 अक्टूबर को पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता नाशिक पहुंचेंगे। पहले दिन पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बैठक होगी और 15 अक्टूबर को मोर्चा निकाला जाएगा, ऐसी जानकारी विधायक रोहित पवार ने दी।
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उन्होंने राज्य में किसानों की आत्महत्याओं की ओर इशारा करते हुए महायुती सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि सरकार केवल आपसी खींचातानी, प्रचार और बयानबाजी में व्यस्त है।