BJP AB form controversy: नाशिक महानगरपालिका चुनाव (सोर्सः सोशल मीडिया)
Nashik Municipal Election: नाशिक महानगरपालिका की चुनाव प्रक्रिया में व्याप्त अव्यवस्था बुधवार को सीधे निर्वाचन निर्णय अधिकारी के समक्ष उजागर हो गई। सिडको स्थित विभागीय कार्यालय में विधायक सीमा हिरे और इच्छुक उम्मीदवारों के बीच जोरदार मौखिक झड़प हुई। प्रभाग क्रमांक 26 में एक ही सीट के लिए दो उम्मीदवारों को भारतीय जनता पार्टी की ओर से आधिकारिक उम्मीदवारी का एबी फॉर्म दिए जाने से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है, जिससे भाजपा के भीतर का आंतरिक संघर्ष खुलकर सामने आ गया।
प्रभाग क्रमांक 26 की उम्मीदवार और पूर्व नगरसेवक अलका अहिरे के पति कैलास अहिरे ने विधायक सीमा हिरे पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने आरोप लगाया कि शहर अध्यक्ष सुनील केदार द्वारा आधिकारिक एबी फॉर्म दिए जाने के बावजूद विधायक सीमा हिरे ने अन्य इच्छुक उम्मीदवारों को भी एबी फॉर्म वितरित किए। इसके पीछे बड़े आर्थिक लेनदेन का सनसनीखेज आरोप भी कैलास अहिरे ने लगाया, जिससे भाजपा में हड़कंप मच गया।
अब इस बात पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं कि प्रभाग क्रमांक 26 में अलका अहिरे और पुष्पावती पवार में से किसका एबी फॉर्म जांच प्रक्रिया में वैध ठहरता है। इस बीच, नामांकन पत्र और राजनीतिक दल का आधिकारिक एबी फॉर्म जमा करने की अंतिम समय-सीमा दोपहर तीन बजे तय की गई थी। समय सीमा समाप्त होते ही सिडको विभागीय कार्यालय के प्रवेश द्वार बंद कर दिए गए। हालांकि, शाम करीब 4.30 बजे विधायक सीमा हिरे ने सीधे निर्वाचन निर्णय अधिकारी के कक्ष में प्रवेश करने का प्रयास किया, जिसका कैलास अहिरे ने तीव्र विरोध किया और उन्हें कक्ष में जाने से रोक दिया।
निर्वाचन निर्णय अधिकारी ने नियमों का हवाला देते हुए किसी को भी कक्ष में प्रवेश न देने का निर्णय लिया। इसी दौरान कैलास अहिरे, विधायक सीमा हिरे और उनके समर्थकों के बीच तीखी बहस और जोरदार मौखिक झड़प हुई। स्थिति बिगड़ती देख निर्वाचन निर्णय अधिकारी महेश जमदाडे ने तत्काल विधायक हिरे सहित सभी कार्यकर्ताओं को कक्ष के बाहर जाने का निर्देश दिया।
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उम्मीदवारी, एबी फॉर्म और आर्थिक लेनदेन से जुड़े आरोपों के चलते भाजपा के भीतर का आंतरिक विवाद अब सार्वजनिक हो गया है। चुनाव के ऐन मौके पर सामने आया यह घटनाक्रम पार्टी के लिए एक बड़ा राजनीतिक झटका माना जा रहा है।