गिरीश महाजन (सौजन्य-सोशल मीडिया)
नासिक: जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने राज्य के कुछ हिस्सों में फर्जी परीक्षा केंद्रों के प्रचलन पर चिंता व्यक्त की है, जहां छात्र स्कूल गए बिना ही परीक्षा पास कर रहे हैं। यह समस्या विशेष रूप से जलगांव जिले में प्रचलित है, जहां छात्र मराठवाड़ा और विदर्भ जाते हैं, फीस का भुगतान करते हैं और कक्षाओं में उपस्थित हुए बिना ही प्रवेश ले लेते हैं।
महाराष्ट्र में 10वीं की बोर्ड परीक्षा में कई तरह की गड़बड़ियां देखने को मिल रही हैं। जलगांव जिला, जिसका प्रतिनिधित्व मंत्री गिरीश महाजन कर रहे हैं, भी अपवाद नहीं है। इस मुद्दे पर बोलते हुए महाजन ने जोर देकर कहा कि सरकार इन गड़बड़ियों को रोकने के लिए गंभीर है। नकल का प्रचलन आश्चर्यजनक है, कुछ छात्र केवल नकल के आधार पर परीक्षा पास कर रहे हैं। इससे उनके भविष्य को लेकर चिंता पैदा होती है, जो जांच का विषय है। ये छात्र अनुचित तरीकों से डिग्री प्राप्त करके शिक्षित बेरोजगार बन जाते हैं।
मंत्री गिरीश महाजन ने स्कूलों में बड़े पैमाने पर हो रही गड़बड़ियों पर गंभीर चिंता जताई है, जहां छात्र नकल करके और रिश्वत देकर परीक्षा पास कर रहे हैं। कई स्कूल इस संगठित नकल में शामिल हैं और यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है। पिछली कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया था।
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इसके बाद, कुछ शिक्षकों ने महाजन से मुलाकात की और इस तरह की कार्रवाई किए जाने पर छात्र नामांकन पर संभावित प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त की लेकिन महाजन ने जोर देकर कहा कि छात्रों को पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए और शिक्षकों को पढ़ाने में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रणाली में नकल और कदाचार के लिए कोई जगह नहीं है।
हाल ही में कथित पेपर लीक और परीक्षा में नकल की घटनाओं को देखते हुए महाजन की चिंताएं जायज हैं। महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने मराठी परीक्षा के पेपर लीक होने की खबरों का खंडन किया है, लेकिन जांच में बेईमानी के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर परीक्षा से संबंधित सामग्री फैलाने के प्रयासों का पता चला है।