प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स: सोेशल मीडिया )
Police Employee Benefits Hindi News: नासिक पुलिसकर्मियों के अपने पक्के घर का सपना अब जल्द ही बल के लिए ‘डीजी लोन’ (DG Loan), स्कीम को फिर से सक्रिय करते हुए इसके लिए 1768।08 करोड़ रुपये का भारी-भरकम फंड मंजूर किया है। पिछले दो सालों से फंड की कमी के कारण यह योजना ठप पड़ी थी, लेकिन अब सरकार के इस फैसले से राज्य भर के पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
जनता की सुरक्षा में दिन-रात तैनात रहने वाले पुलिसकर्मी अक्सर अपने परिवार की जरूरतों को नजरअंदाज कर देते हैं। अपना खुद का घर होना हर किसी का सपना होता है और इस फंड की मंजूरी ने उस सपने को नई उड़ान दी है। फंड की कमी की वजह से राज्य भर के लगभग साढ़े पांच हजार पुलिस अधिकारियों के होम लोन (घर बनाने के एडवांस) के प्रपोजल पेंडिंग पड़े थे।
इन लंबित प्रस्तावों की कुल रकम करीम के 768 करोड़ सके मथ इस स्कीम के रुकने पुलिसकर्मियों की फाइनेंशियल प्लानिंग पूरी तरह चरमरा गई थी, जो अब फिर से पटरी पर आ जाएगी। यह योजना पुलिस अधिकारियों और सिविल सर्वेट्स के लिए एक बड़ा सहारा है।
इसके तहत कर्मचारी को उसकी मासिक बेसिक सैलरी का 125 गुना तक लोन दिया जाता है। यह लोन घर बनाने, फ्लैट खरीदने या पुराने घर को बड़ा करने के लिए लिया जा सकता है। बीच में यह स्कीम ठंडे बस्ते में चली गई थी, लेकिन अब फंड जारी होने से उन फाइलों से धूल हट जाएगी जो मंजूरी के इंतजार में थीं।
नासिक शहर और जिले की बात करें, तो यहां के पुलिस अफसरों ने भी बड़ी संख्या में आवेदन किए हैं। आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन सालों में पुलिस कमिश्नरेट को मिले 135 आवेदनों में से केवल नौ प्रपोजल को ही मंजूरी मिल पाई थी। फिलहाल 126 प्रपोजल पेडिग है। फंड की उपलब्धता के बाद अब इन लंबित आवेदनों को जल्द ही मंजूरी मिलने की प्रबल संभावना है।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ शर्तें निर्धारित की गई हैं: आवेदक का स्टेट पुलिस फोर्स का स्थायी कर्मचारी होना अनिवार्य है। लोन की राशि का उपयोग घर बनाने, फ्लैट खरीदने या घर के विस्तार के लिए किया जा सकता है। बेसिक सैलरी का 125 गुना लोन मिलता है, जिसकी ब्याज दरें काफी कम और भुगतान की शर्तें आसान हैं।
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इच्छुक कर्मचारी को पुलिस हेडक्वार्टर में आवेदन करना होता है। वहां से प्रपोजल ‘डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस’ (DGP) के ऑफिस भेजा जाता है, जहां से अंतिम अप्रूवल मिलता है। लोन की राशि पद, सैलरी स्केल और सर्विस की अवधि के आधार पर तय होती है, जिससे कम और मध्यम आय वाले पुलिसकर्मियों के लिए भी घर खरीदना अब मुमकिन हो पाएगा।