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वालदेवी बांध में गणेश विसर्जन पर बैन, ग्रामीणों ने लिया पर्यावरण और सुरक्षा के लिए अहम फैसला

Ganesh Visarjan: नाशिक के पास स्थित वालदेवी बांध में इस साल गणेश विसर्जन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पिंपलद गांव के ग्रामीणों और ग्राम पंचायत ने मिलकर यह अहम फैसला लिया है।

  • By आंचल लोखंडे
Updated On: Sep 03, 2025 | 03:44 PM

वालदेवी बांध में गणेश विसर्जन पर बैन (सौजन्यः सोशल मीडिया)

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Ganesh Utsav: बढ़ते हादसों और प्रदूषण को देखते हुए, नासिक के पास स्थित वालदेवी बांध में इस साल गणेश विसर्जन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वाडीवरे पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले इस बांध पर पिंपलद गांव के ग्रामीणों और ग्राम पंचायत ने मिलकर यह अहम फैसला लिया है। इसके तहत, नासिक महानगरपालिका के सिडको, अंबड, पाथर्डी, विल्होली और आसपास के ग्रामीण इलाकों के घरेलू और सार्वजनिक गणेश मंडलों को वालदेवी बांध में मूर्ति विसर्जन करने की अनुमति नहीं है।

इस प्रतिबंध के पीछे कई गंभीर कारण हैं। पिछले कुछ वर्षों में, गणेश विसर्जन और पर्यटन के दौरान वालदेवी बांध में डूबने से कई लोगों की मौत हुई है। साल 2019 से अब तक, इस बांध में 11 लोग डूब चुके हैं। इसके अलावा, मूर्तियों के विसर्जन से बड़े पैमाने पर जल प्रदूषण होता है। बांध का पानी पीने और खेती के लिए इस्तेमाल होता है, इसलिए यह ग्रामीणों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा है।

बढ़ते हादसे और प्रदूषण बने वजह

पानी के नीचे दबी मूर्तियों से किसानों के मोटर पंप भी खराब हो जाते हैं, जिससे उन्हें नुकसान होता है। वालदेवी बांध का पानी पिंपलद गांव के लोग पीने और खेती के लिए इस्तेमाल करते हैं। पानी में विसर्जित की गई मूर्तियों और पूजा सामग्री से बड़े पैमाने पर प्रदूषण होता है, जिससे ग्रामीणों के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है। जब पानी का स्तर कम होता है, तो मूर्तियों के अवशेष बाहर आ जाते हैं, जिससे उनका अनादर होता है।

ये भी पढ़े: उद्धव ठाकरे को आयोग का नोटिस, भीमा कोरेगांव मामले में मांगा शरद पवार का दस्तावेज

किसानों को भी नुकसान

विसर्जन के कारण केवल प्रदूषण और हादसे ही नहीं होते, बल्कि किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ता है। पानी के नीचे दबी मूर्तियों के कारण किसानों के मोटर पंप खराब हो जाते हैं, जिससे उन्हें अपनी फसलों की सिंचाई में परेशानी होती है। साथ ही, विसर्जन के समय बड़ी मात्रा में निर्माल्य (पूजा सामग्री) जमा होने से भी गंदगी फैलती है।

ग्रामीणों और पुलिस की संयुक्त अपील

पिपलद ग्राम पंचायत, गांव के लोगों और वाडीवहे पुलिस स्टेशन ने संयुक्त रूप से सभी से अपील की है कि वे गणेश विसर्जन के लिए वालदेवी बांच में न आए, बल्कि सुरक्षित और वैकल्पिक स्थानों का उपयोग करें।

बांध 100% भरा, जोखिम बढ़ा

इस साल भारी बारिश के कारण वालदेवी बांध 100% भर गया है, जिससे जोखिम और भी बढ़ गया है। इसी कारण पिंपलद ग्राम पंचायत और ग्रामीणों ने मिलकर यह निर्णय लिया है कि किसी भी गणेश भक्त को इस बांध में गणेश विसर्जन नहीं करने दिया जाएगा।

Ban on ganesh immersion in valdevi dam

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Published On: Sep 03, 2025 | 03:44 PM

Topics:  

  • Environmental Protection
  • Ganesh Chaturthi
  • Ganesh Utsav
  • Nashik News

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