ट्रेडिंग स्कैम (सौ. सोशल मीडिया )
Wardha News In Hindi: फर्म तैयार कर ट्रेडिंग करने पर अधिक मुनाफा देने नाम पर कई लोगों को लाखों का चूना लगाने वाले फरार अपराधियों को पुलिस ने नागपुर से हिरासत में लिया, दोनों आरोपी एक वर्ष बाद पुलिस के हाथ लगे।
उनसे गोल्डन मोबाइल, आलिशान वहन व अन्य सामग्री समेत कुल 44 लाख 13 हजार 170 रुपयों का माल जब्त किया गया आरोपियों में फर्म का मुख्य संचालक विक्रम ज्ञानेश्वर पर्यंत (30) निवासी बोरगांव (मेघे) व किरण हिरासिंग पवार (29) निवासी किन्ही किनाला जिला यवतमाल का समावेश है।
आरोपियों ने वर्धा के आर्थी नाका परिसर में पीवीआर मल्टीट्रेडिंग लैब के नाम से फर्म तैयार किया था यहां ट्रेडिंग करने पर निवेशकर्ताओं को अधिक मुनाफा देने का प्रलोभन दिया गया इसमें लोगों की 62 लाख 2 हजार का चूना लगाया, मामला दर्ज कर आर्थिक अपराध शाखा पुलिस ने जांच शुरू कर दी। इसमें फ्रॉड की राशि 1 करोड़ 7 लाख 50 हजार तक पहुंचने की बात स्पष्ट हुई। प्रकरण के दोनो आरोपी एक वर्ष से पुलिस को चकमा दे रहे थे।
संपूर्ण कार्रवाई को पुलिस अधीक्षक अनुराग जैन, अपर पुलिस अधीक्षक सदाशिव वाघमारे, पुलिस उपअधीक्षक पुंडलीक भटकर के मार्गदर्शन में एपीआई निशांत फुलेकर, कर्मी निकेश गुजर, कुमाल डांगे, स्वप्निल भारद्वाज, दिनेश बोधकर, प्रतिक नगराले, मनोज झाडे, संतोष जयस्वाल, राजेश पचारे ने अंजाम दिया।
आरोपियों से मोबाइल बरामद किये। इसमें दो गोल्डन मोबाइल है। 22 एटीएम कार्ड, लैपटॉप, सोने की अंगुठिया, नकद जब्त की। फ्रॉड की राशि से दो आलिशान कार खरीदी थी।
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आरोपी विक्रम पर्यंत पुलिस को बार-बार चवामा दे रहा था। वह दूसरे प्राप्त में रहकर अपना ठिकाणा बदलता था। तकनीकी जांच में कोलकता-मुंबई-नागपुर में उसका लोकेशन पाया गया। इस पैटर्न का अध्ययन वार पुलिस ने विक्रम को नागपुर के बेसा परिसर से हिरासत में लिया, उसे 2 सितंबर तक पीसीआर पर रखा गया। इस बीच उसके – साथी किरण पवार को भी हिरासत में लेकर दोनों से बड़ी रिकवरी की गई।