नासिक पुलिस बैठक
Nasik News: नासिक में गणेश विसर्जन जुलूस में भाग लेने वाले मंडलों के लिए नंबरों को लेकर चल रहा विवाद अभी तक सुलझ नहीं पाया है। अब तक हुई 3 बैठकों के बावजूद, इस मुद्दे पर कोई समाधान नहीं निकल पाया है। रविवार 31 अगस्त शाम को हुई बैठक में भी मंडलों के बीच असहमति और भारी मतभेद देखने को मिले।
गणेश मंडलों की एक समन्वय बैठक पुलिस उपायुक्त मोनिका राउत की उपस्थिति में भद्रकाली पुलिस स्टेशन में हुई। मंडलों ने गणेश विसर्जन के लिए समय बढ़ाने, मूर्ति के पूरी तरह से विसर्जित होने तक जुलूस जारी रखने, लॉटरी प्रणाली के माध्यम से नंबर देने और जुलूस मार्ग में आने वाली बाधाओं को हटाने जैसी विभिन्न मांगें रखीं।
पुलिस उपायुक्त मोनिका राउत ने जुलूस से संबंधित 24 प्रकार के नियमों के बारे में मंडलों को कई सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि सभी को नियमों का पालन करना चाहिए और पूरे उत्साह के साथ जुलूस निकालना चाहिए। जुलूस के लिए आधी रात तक का समय तय किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि ध्वनि सीमा का पालन करना अनिवार्य है और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस मौके पर सहायक पुलिस आयुक्त नितिन जाधव, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक राकेश चौधरी, गजेंद्र पाटिल, नगर मंडल अधिकारी राजाराम जाधव, साथ ही गणेशोत्सव महामंडल के अध्यक्ष समीर रोटे, विनायक पांडे, संदीप दहाके, और कैलाश देशमुख उपस्थित थे।
रविवार को हुई बैठक में नंबरों पर चर्चा के दौरान मंडलों के अधिकारियों के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई और कुछ विवाद भी हुआ। पुलिस ने बीच-बचाव कर विवाद को सुलझाया। इसके बाद राउत ने मंडलों को सुझाव दिया कि वे या तो लॉटरी प्रणाली का उपयोग करके नंबर आवंटित करें या आपस में तय करें कि किस मंडल को कौन सा नंबर मिलेगा।
मंडलों को आपस में फैसला लेकर पुलिस को सूचित करने की सलाह दी गई लेकिन, यह भी कहा गया कि गणेश शेलार के मामले में पुलिस कमिश्नर संदीप कर्णिक अंतिम निर्णय लेंगे। इस पर सर्वसम्मति से सहमति बनी कि उनका फैसला सभी को स्वीकार्य होगा। पुलिस ने कहा कि यह फैसला मंडलों के सर्वोत्तम हित में लिया जाएगा।
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पुलिस ने बताया कि जुलूसों में लेजर लाइट के इस्तेमाल से कुछ लोगों को आँखों में चोटें आई हैं। साथ ही, बहुत ज्यादा वॉल्यूम वाले एफ-सिस्टम का उपयोग भी किया जाता है, जिससे दिल के मरीजों को दिल का दौरा पड़ सकता है। इसलिए, पुलिस ने इन दोनों प्रणालियों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह भी कहा गया है कि यदि कोई भी इनका उपयोग करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।