गुलियन-बैरे सिंड्रोम (सौजन्य-सोशल मीडिया)
नंदुरबार: पुणे के बाद, महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में भी दुर्लभ बीमारी गुलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के मामले बढ़ गए हैं। पुणे, सोलापुर, नागपुर और सातारा में मरीज पाए जाने के बाद, यह बीमारी अब खानदेश में फैल गई है। नंदुरबार में 2 नाबालिग बच्चों में जीबीएस का पता चला है, जिससे व्यापक चिंता पैदा हो गई है।
नंदुरबार में गुलियन-बैरे सिंड्रोम के 2 मरीज मिले हैं, दोनों नाबालिग बच्चे हैं। उनमें से एक की हालत गंभीर है और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। बच्चे की स्थिति पर नज़र रखी जा रही है। बीमारी के कारण का पता लगाने के लिए प्रभावित बच्चों के गांव से पानी के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। प्रशासन ने बीमारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए पानी और अन्य महत्वपूर्ण कारकों की जांच शुरू कर दी है।
नंदुरबार में जीबीएस के मरीज पाए जाने से स्वास्थ्य विभाग और अधिक सतर्क हो गया है। इस बीमारी के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए नंदुरबार में 20 आईसीयू बेड तैयार किए गए हैं। जिला प्रशासन ने जीबीएस के संभावित प्रसार को रोकने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
जिला प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और समय पर उपचार लेते रहें। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जीबीएस एक दुर्लभ बीमारी है और उचित उपचार देकर मरीजों के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाएगा।
इसके अलावा पुणे में भी गुलियन-बैरे सिंड्रोम के 3 मरीज मंगलवार को सामने आए थे। इसके साथ ही कुल जीबीएस मरीजों की संख्या बढ़कर 166 हो गई है। अभी तक 130 मरीजों में जीबीएस रोग की पुष्टि हुई है। हालांकि, बाकी मरीजों में भी बीमारी के लक्षण हैं। 52 मरीज ठीक हो चुके हैं और उन्हें विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है। 61 अन्य आईसीयू में और 21 वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं।
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7. व्यक्तिगत स्वच्छता पर जोर दिया जाना चाहिए।
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