प्रतीकात्मक तस्वीर (PIC Credit: Social Media)
नागपुर. पति पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाते हुए 22 सप्ताह की गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति देने के लिए पत्नी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया किंतु सुनवाई के दौरान महिला ने मन बदलने का हवाला देते हुए गर्भावस्था को बनाए रखने की इच्छा जताई. इसके बाद हाई कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने चंद्रपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज से रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था. आदेश के अनुसार हाई कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट पेश की गई. याचिकाकर्ता के अनुसार वह तीसरी बार गर्भवती हुई है. विवाह के पश्चात उसे एक बेटा है जबकि एक बार गर्भावस्था को खत्म किया गया है. वह तीसरी बार गर्भवती हुई है.
पति पर धोखा देने का आरोप
पत्नी द्वारा याचिका में बताया गया कि हालांकि वह तीसरी बार गर्भवती हुई है लेकिन उसके पति ने उसके साथ धोखा किया. अत: यह पता चलने के कारण अब वह गर्भावस्था को समाप्त करना चाहती है. मेडिकल कॉलेज की ओर से प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में बताया गया कि संभवत: गर्भ में जीवित बच्चा हो सकता है. ऐसे में गर्भावस्था को खत्म करना किसी खतरे से कम नहीं है. यदि मेडिकल प्रक्रिया विफल होती है तो इसके कई दुष्परिणाम हो सकते हैं. सुनवाई के दौरान अदालत में उपस्थित याचिकाकर्ता को इसकी भली भांति जानकारी दी गई.
मार्च में ही किया था अनुरोध
याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि 29 मार्च, 2024 को ही याचिकाकर्ता गर्भावस्था को खत्म करने के लिए मेडिकल कॉलेज गई थी. उस समय उसकी गर्भावस्था 14 से 16 सप्ताह की थी किंतु अस्पताल की ओर से उसकी सुनवाई नहीं हुई. समय पर अस्पताल की ओर से कोई पहल नहीं की गई. अब मेडिकल रिपोर्ट की जानकारी दिए जाने के बाद याचिकाकर्ता ने मन बदल दिया है. गर्भावस्था के साथ रहने की इच्छा जताई है. याचिकाकर्ता की ओर से दी गई स्वीकृति के बाद हाई कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया.