
सुप्रीम कोर्ट व बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ (सोर्स: सोशल मीडिया)
Nagpur Crime News: नागपुर में हत्या के कथित आरोप के तहत दर्ज की गई एफआईआर के बाद गिरफ्तार महिला सविता सायरे की ओर से अग्रिम जमानत के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। इस पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने याचिका को ठुकरा दिया। हाई कोर्ट के इसी आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की गई।
सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद एक वर्ष से जेल में बंद महिला अभियुक्त को जमानत पर रिहा करने का आदेश जारी किया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मनन डागा, अधिवक्ता राजेन्द्र डागा ने पैरवी की। सुप्रीम कोर्ट का मानना था कि मुकदमा अभी तक शुरू नहीं हुआ है। इसे पूरा होने में पर्याप्त समय लगने की संभावना है। अत: ट्रायल कोर्ट द्वारा लगाई जाने वाली कड़ी शर्तों के अधीन रहकर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार याचिकाकर्ता को 7 अप्रैल, 2024 को गिरफ्तार किया गया था और वह एक साल से अधिक समय से हिरासत में है। उसके साथ 4 अन्य सह-आरोपी भी हैं। इस मामले में चार्जशीट 4 जुलाई, 2024 को दाखिल की गई थी। 6 अप्रैल, 2024 को रात करीब 11:30 बजे शंकर मोहन राय को उनके बहनोई रणजीत राठौड़ के दोस्त शुभम खोरगडे ने बताया कि रणजीत की मौत हो गई। इसके आधार पर पुलिस में शिकायत दर्ज की गई।
बताया जाता है कि रणजीत स्वामी समर्थ नामक पान स्टॉल पर था जहां आरोपी और एक अन्य सह-आरोपी सिगरेट खरीदने आए थे। पान स्टॉल पर आरोपी और सह-आरोपी तथा रणजीत के बीच बहस हुई। आरोप है कि रणजीत उनकी तरफ घूर रहा था जिसके कारण बहस हुई।
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रणजीत ने उनका वीडियो बनाया और चला गया लेकिन उसका पीछा किया गया। एक चश्मदीद, प्रशांत गंगाधरराव तलखंडे ने बताया कि 4 लोग बाइक पर आए और रणजीत पर हमला किया। उस समय एक लड़की रणजीत का कॉलर पकड़े हुए थी और सभी आरोपियों ने मिलकर उस पर हमला किया जिससे उसकी मौत हो गई। इस बयान के आधार पर वर्तमान आवेदक को आरोपी बनाया गया।
याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि पान स्टाल पर हुई घटना के बाद सह-अभियुक्त जयश्री ने सह-अभियुक्त आकाश राऊत को फोन किया जबकि रणजीत और प्रशांत तलखंडे घर के लिए निकल गए। किसी कारण से रणजीत अपने घर से बाहर आया।
प्रशांत तलखंडे को फोन किया और उसे घटनास्थल पर पहुंचने के लिए कहा जिसमें कथित तौर पर 4 आरोपी व्यक्ति किसी तरह सिर्फ एक मोपेड पर पहुंचे थे। घटनास्थल के पास एक सीसीटीवी था जिसमें रिकॉर्ड हुआ कि एक सह-आरोपी लड़के ने रणजीत को चाकू मारा जबकि दूसरे सह-आरोपी लड़के ने रणजीत पर ईंट से हमला किया। कथित घटना के सीसीटीवी फुटेज से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि याचिकाकर्ता ने घटना में हिस्सा नहीं लिया था और सीसीटीवी फुटेज के अनुसार उसकी ओर से कोई प्रत्यक्ष कृत्य नहीं किया गया।






