नागपुर क्राइम
ACB Action: नागपुर में एक्सीडेंट पीड़ित परिवार को दस्तावेज उपलब्ध करवाने के एवज में 8,000 रुपये की रिश्वत लेने वाले हुड़केश्वर थाने के सब-इंस्पेक्टर और महिला कांस्टेबल को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने पैसे लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई से पूरे पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। पकड़े गए आरोपियों में आकाश साकोरे और हवलदार शारदा सदाशिव भेरे का समावेश है।
वकील की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया है। आकाश को पुलिस विभाग में भर्ती हुए महज 8 महीने हुए हैं। बतौर प्रोबेशनर ऑफिसर उसकी पहली नियुक्ति हुड़केश्वर थाने में हुई है। शारदा हेड कांस्टेबल है और थाने में दस्तावेजों का काम देखती है। वकील ने अपनी शिकायत में एसीबी को बताया कि उनके पक्षकार के पिता का कुछ दिन पहले विहिरगांव में एक्सीडेंट हुआ था।
ट्रक की चपेट में आने से उनकी मृत्यु हुई थी। यह मामला मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधीकरण में दायर करने के लिए परिजनों को प्रकरण से जुड़े दस्तावेजों की जरूरत थी। उन्होंने पुलिस थाने में आवेदन दिया। आकाश के साथ मौजूद शारदा ने उन्हें दस्तावेज उपलब्ध करवाने की एवज में 8,000 रुपये बतौर रिश्वत मांगे। पीड़ित परिवार रिश्वत नहीं देना चाहता था, इसीलिए एसीबी से शिकायत की।
एसपी सागर कवड़े के मार्गदर्शन में उप अधीक्षक शुभांगी वानखेड़े, इंस्पेक्टर रवींद्र सहारे और उनकी टीम ने मांग की जांच की। पुष्टि होते ही दोनों को रंगेहाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया। बुधवार की शाम आकाश और शारदा ने वकील को पैसे लेकर हुड़केश्वर थाने बुलाया।
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वहीं जाल बिछाकर बैठी एसीबी की टीम ने दोनों को रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ लिया। पुलिस ने आरोपियों का मोबाइल फोन जब्त किया है। दोनों के घर की तलाशी भी ली गई लेकिन कुछ खास पुलिस के हाथ नहीं लगा है। इस प्रकरण में मुख्य भूमिका शारदा की ही बताई जा रही है। गुरुवार को उन्हें न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा।