10,000 इस बार बढ़ी संख्या (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nagpur News: राज्य में इंजीनियरिंग प्रथम वर्ष पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो गई है। इस बार 2 लाख 2 हजार 883 सीटों में से 1 लाख 66 हजार 746 सीटों पर प्रवेश हुए। इस बार 36,137 सीटें खाली रह गईं। इंजीनियरिंग में प्रवेश लेने वाली छात्राओं की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस वर्ष 2,25,166 छात्रों ने प्रवेश के लिए पंजीकरण कराया था। पिछले वर्ष 1,80,170 उपलब्ध सीटों में से केवल 1,49,078 सीटें ही भरी गई थीं।
खाली सीटें 31,092 थीं। पिछले वर्ष कुल 1,49,078 सीटों में से 96,326 (64.61 प्रतिशत) सीटें लड़कों ने और 52,751 (35।38 प्रतिशत) सीटें लड़कियों ने ली थी। इस बार कुल 1,66,746 सीटों में से 1 लाख 4 हजार ५५० यानी 62.70 प्रतिशत सीटें लड़कों ने ली। यानी लड़कों के दाखिले में 2 प्रतिशत की कमी आई। लड़कियों की संख्या में लगभग 10,000 की वृद्धि हुई। इस बार 62,195 यानी 37.30 प्रतिशत सीटों पर लड़कियों ने प्रवेश लिया।
इस वर्ष छात्रों ने कम्प्यूटर, मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं दूरसंचार, सिविल, सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रिकल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं डाटा साइंस और कम्प्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग को सबसे अधिक प्राथमिकता दी। कम्प्यूटर साइंस, कम्प्यूटर इंजीनियरिंग, एआई-डाटा साइंस, आईटी, एआई-एमएल में उपलब्ध सीटों में से 85 प्रतिशत से अधिक सीटें भर चुकी हैं।
कुछ वर्ष पहले तक इंजीनियरिंग में लड़कियां ज्यादा नहीं आती थीं। उनका फोकस पारंपरिक पाठ्यक्रमों सहित मेडिकल से संबंधित पाठ्यक्रमों में होता था लेकिन अब स्थिति बदल गई है। हर क्षेत्र की तरह ही लड़कियां भी लड़कों के साथ कदम बढ़ा रही हैं। हालांकि इंजीनियरिंग में लड़कों की संख्या के बराबर होने में वक्त लगेगा लेकिन 2 फीसदी की बढ़त भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
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लड़कियों की संख्या पिछले वर्ष से अधिक बढ़ी है। इसकी एक वजह सरकार द्वारा शिक्षा में दी गई राहत है। सरकार ने लड़कियों के लिए उच्च शिक्षा नि:शुल्क कर दी है। ट्यूशन फीस पूरी तरह से माफ होने से इंजीनियरिंग में प्रवेश लेना आसान हो गया है। प्रवेश के दौरान विकास शुल्क सहित कुछ ही फीस लगती है। इस वजह से पालकों के लिए भी आसानी हुई है।