कामरगांव के किसानों को सरकार ने रुलाया (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Ahilyanagar News: मौसम में बेमौसम बदलाव… बेमौसम बारिश… प्याज की फसल समेत कृषि उत्पादों को नुकसान… किसानों की आँखों में पानी… सरकारी लापरवाही… इन सबकी वजह से किसानों के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है। अहिल्यानगर तालुका के कमरगाँव में प्याज की रिकॉर्ड फसल होती है। अगर उसे उचित दाम मिले तो किसान खुश होते हैं। लेकिन इस साल प्याज ने किसानों को रुला दिया है। पाँच महीने पहले उन्होंने गाँव में उगाई अपनी प्याज़ को धान के खेत में सुरक्षित रख दिया था।
ज़्यादा दाम मिलने की उम्मीद में इंतज़ार करते रहे, लेकिन प्याज़ की क़ीमत दस रुपए किलो से आगे नहीं बढ़ी। ऊपर से अत्याधिक बारिश और सरकारी बेरुखी ने किसानों को बेहाल कर दिया है। सरकार उनका दर्द नहीं समझ रही। उन्हें सही क़ीमत नहीं मिल रही। इस वजह से रखा प्याज़ बारिश में सड़ गया है और उसकी दुर्गंध फैल गई है। हथेली पर छाले की तरह रखे प्याज़ को सड़क पर फेंकते हुए उनकी आँखों से आँसू बह रहे हैं। गाँवों के सभी किसानों की यही स्थिति है, और लगता है वे भी परेशान हैं।
किसान गोरख जाधव और पीनू भोसले ने गुस्से में अहिल्यानगर-पुणे हाईवे पर प्याज फेंक दिया। आज तुकाराम कटोरे, पोपटराव थोकल, मेजर गोरख जाधव, संतोष गायकवाड़, राजाभाऊ पोटे, रमजान शेख, पीनू भोसले ने घटना का निरीक्षण किया और किसानों को समर्थन प्रदान किया। उन्होंने शासन स्तर पर समस्या का समाधान कराने का आश्वासन दिया।
कामरगाँव के सामाजिक कार्यकर्ता तुकाराम कटोरा ने कहा कि किसानों को अपनी कृषि उपज का उचित मूल्य नहीं मिलता और वे प्याज की खेती की लागत वहन नहीं कर पाते। इस वजह से उन्हें कर्ज में डूबना पड़ता है। इसके लिए सरकार को प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध हटाकर एक स्थायी गारंटीशुदा मूल्य प्रदान करना चाहिए, तभी इस समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है।
ये भी पढ़े: कामगार कल्याणकारी मंडल में संविदा पर कर्मचारी भर्ती का विरोध, प्रक्रिया रद्द करने की मांग
प्याज हर हफ्ते गिर रहा है। इस समय उमस भरे मौसम और मानसून के कारण, भंडारित प्याज खराब हो रहा है। हालात ऐसे हो गए हैं कि प्याज देखकर ही किसानों की आँखों में आँसू आ रहे हैं और प्याज सचमुच किसानों को रुला रहा है।