शरद मैंद (सौजन्य-नवभारत)
Nagpur Crime: फर्जी तरीके से मजदूरों के नाम पर 6.68 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाले पुसद अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष और भारती मैंद पत संस्था के कर्ताधर्ता शरद मैंद को पुलिस ने बुधवार की शाम गिरफ्तार किया था। गुरुवार को पेशी होनी थी लेकिन फिर से मैंद की छाती में दर्द होने लगा। पुलिस ने उसे शासकीय अस्पताल में भर्ती किया।
इस बार पुलिस ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी और सीधे मैंद की एंजियोग्राफी ही करवा ली। स्वास्थ्य ठीक होने के कारण डॉक्टर ने मैंद को छुट्टी दे दी और उसे न्यायालय में पेश किया गया। अदालत ने उसे 5 दिन की पुलिस हिरासत मंजूर की है। पुलिस ने बुधवार को ही चंद्रसेन यादव की शिकायत पर अजनी थाने में मैंद के खिलाफ विविध धाराओं के तहत धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। चंद्रसेन ने भारती मैंद पत संस्था में कर्ज के लिए आवेदन दिया था।
शरद मैंद ने उन्हें 12 पहचानकर्ताओं को आधार और पैन कार्ड के साथ लाने को कहा। उन सभी से दस्तावेजों पर हस्ताक्षर लिए लेकिन लोन जारी नहीं किया। इसके बाद दोबारा आवेदन देने पर 6 पहचानकर्ताओं को साथ लाने को कहा। चंद्रसेन ने 5 पहचानकर्ताओं के साथ आवेदन दिया। उन्हें 1.95 करोड़ रुपये का लोन तो जारी किया गया लेकिन संस्था ने पेमेंट केवल 1 करोड़ 8 लाख का किया।
मुन्ना वर्मा आत्महत्या कांड सामने आने के बाद चंद्रसेन ने जांच की तो पता चला कि उनके साथ पहचानकर्ता बनकर गए 14 लोगों के नाम पर 6.68 करोड़ रुपये कर्ज के रूप में जारी किए गए हैं। यह शिकायत मिलते ही पुलिस ने दूसरा मामला दर्ज किया। इसके पहले हुई गिरफ्तारी में मैंद के वकीलों द्वारा स्वास्थ्य और गैर कानूनी तरीके से गिरफ्तारी का मुद्दा रखकर कोर्ट से पुलिस हिरासत नामंजूर करवाई थी और दूसरे ही दिन मैंद को बेल मिल गई थी, इसीलिए जांच अधिकारी इंस्पेक्टर महेश सागड़े ने इस बार कोई विकल्प खुला नहीं रखा।
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न्यायालय से 8 दिन की हिरासत मांगी गई थी। बचावपक्ष ने फिर से गैर कानूनी तरीके से गिरफ्तारी होने का मुद्दा रखा लेकिन न्यायालय ने मैंद को 5 दिन की पुलिस हिरासत मंजूर कर दी। अब मैंद के काले कामों का खुलासा होगा। बताया जाता है कि मैंद द्वारा भारती मैंद पत संस्था से 50 से ज्यादा बोगस लोन जारी किए गए हैं। पुलिस एक-एक फाइल की बारीकी से जांच कर रही है।