शालार्थ आईडी घोटाला (फाइल फोटो)
Nagpur Scam News: शालार्थ आईडी घोटाले में शिक्षकों की सुनवाई की जाएगी। यदि संदिग्ध शिक्षकों में से एक भी योग्य पाया गया तो पूर्व उपनिदेशक और शिकायतकर्ता मुश्किल में पड़ सकते हैं। इसलिए शिक्षकों के बीच चर्चा है कि सभी अयोग्य घोषित हो जाएंगे। फर्जी शालार्थ आईडी के जरिए शिक्षकों की नियुक्ति का मुद्दा चर्चा में हैं। साइबर पुलिस में शिकायत की गई थी कि मोबाइल फोन हैक करके शालार्थ आईडी बनाई गई थी।
इस संबंध में पुलिस ने अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें शिक्षा उपनिदेशक, शिक्षा अधिकारी, स्कूल निदेशक, शिक्षक और कर्मचारी शामिल हैं। प्रारंभिक जांच में पता चला कि 632 शिक्षकों के पास दस्तावेज नहीं हैं। इसलिए शिक्षा आयुक्त ने इन सभी संदिग्ध शिक्षकों की उपनिदेशक स्तर पर सुनवाई का आदेश दिया क्योंकि यह शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय का मामला है और शिकायतकर्ता भी कार्यालय से ही है। इसलिए कई लोगों ने शिकायतकर्ता कार्यालय से निष्पक्ष सुनवाई की उम्मीद की है और इस सुनवाई को समकक्ष अधिकारी को हस्तांतरित करने की मांग की है।
शिकायत है कि 2019 से मार्च 2025 की अवधि तक जिन शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को शालार्थ आईडी प्राप्त हुई है वह फर्जी है। तत्कालीन उपनिदेशक उल्हास नरड के आदेशानुसार शालार्थ आईडी पथक प्रमुख रवींद्र पाटिल ने साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज की थी। यदि उक्त अवधि के दौरान संदिग्ध शिक्षक योग्य पाया गया तो शिकायत गलत साबित होगी और अधिकारी मुश्किल में पड़ सकते हैं। इस कारण शिक्षकों के बीच चर्चा है कि शिकायत को सही साबित करने के लिए सभी को अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
शालार्थ आईडी घोटाले में साइबर पुलिस ने एक मुख्याध्यापक को गिरफ्तार किया है। बताया जाता है कि उसने खुद बोगस शालार्थ आईडी पर नौकरी पाई थी और बाद में अन्य शिक्षकों की भी नियुक्ति करवाई। पकड़ा गया आरोपी खोब्रागड़े लेआउट, सर्वश्रीनगर निवासी हरिदास रामभाऊ दडमल (42) बताया गया। वह शिशु विद्या विकास समिति द्वारा संचालित चंद्रमणीनगर की मैनाबाई प्राथमिक शाला में मुख्याध्यापक है।
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जानकारी के अनुसार हरिदास ने बोगस दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाई थी। वर्ष 2012 में उसे स्कूल का प्रभारी मुख्याध्यापक नियुक्त किया गया। अपने कार्यकाल के दौरान उसने 5 शिक्षकों की गैर कानूनी तरीके से नियुक्त करवाई। फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके प्रस्ताव बनाया गया जिसके जरिए इन शिक्षकों की शालार्थ आईडी बनाई गई। बाद में मामला वेतन अधीक्षक को भेजा गया। अन्य प्रकरणों की जांच के दौरान दडमल का नाम सामने आया। गुरुवार को साइबर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।