लोक अदालत में रिकॉर्ड 98 हजार मामलों का निपटारा। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: जिले में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत को नागरिकों का भारी प्रतिसाद मिला। एक बार फिर यह साबित हो गया है कि राष्ट्रीय लोक अदालत लोगों की समस्याओं के त्वरित समाधान का सर्वोत्तम तरीका है। पैनल प्रमुख न्यायाधीश एवं सदस्यों के प्रयासों से लोक अदालत में कई पुराने मामलों का समझौता के माध्यम से निपटारा किया गया। लंबित मामलों का समझौता के माध्यम से निपटारा होने से पक्षकारों में खुशी का माहौल रहा।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं महाराष्ट्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डीपी सुराना के मार्गदर्शन में जिला न्यायालय नागपुर, पारिवारिक न्यायालय, ऋण वसूली न्यायाधिकरण, सहकारी न्यायालय, औद्योगिक एवं श्रम न्यायालय तथा नागपुर जिले के सभी तालुका न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया था।
इसमें सिविल दावे, भूमि अधिग्रहण मामले, समझौता योग्य आपराधिक मामले, वैवाहिक विवाद, मोटर दुर्घटना दावे, विद्युत अधिनियम मामले, पावर ऑफ अटॉर्नी अधिनियम की धारा 138 के मामले, श्रम विवाद, धन वसूली मामले, यातायात ई-चालान मामले और अन्य पूर्व-दायर मामलों को सौहार्द्रपूर्ण निपटान के लिए रखा गया था। हजारों नागरिकों और पार्टी सदस्यों ने इसमें भाग लिया और उत्साहपूर्ण प्रतिसाद दिया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नागपुर के सचिव न्यायाधीश सचिन पाटिल ने बताया कि लोक अदालत में 24,756 मामले लंबित थे तथा 1,42,292 दाखिल पूर्व मामले थे। इनमें से 4,713 लंबित मामलों और 90,186 दाखिल पूर्व मामलों सहित कुल 94,899 मामलों का आपसी समझौते के माध्यम से निपटारा किया गया और संबंधित पक्षों को कुल 1 अरब 64 करोड़ 66 लाख रुपये की समझौता राशि प्राप्त हुई। इसके अलावा जिले के सभी आपराधिक न्यायालयों में विशेष अभियान चलाकर दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 256 और 258 के तहत कुल 3,815 लंबित आपराधिक मामलों का निपटारा किया गया। इस प्रकार लोक अदालत एवं विशेष अभियान में कुल 98,714 मामलों का निस्तारण किया गया।
लोक अदालत में पुराने मामलों के निपटारे पर विशेष जोर दिया गया। इस प्रक्रिया के माध्यम से 10 वर्ष से अधिक पुराने कुल 25 मामलों का निपटारा किया गया। लोक अदालत का उद्घाटन मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, नागपुर द्वारा किया गया था। लोक अदालत की कार्यवाही सुबह 10.30 बजे शुरू हुई। लंबित मामलों और दाखिल-पूर्व मामलों को निपटाने के लिए नागपुर जिले में विभिन्न पैनल गठित किए गए थे।
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पैनल में वर्तमान एवं सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारी, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता और विधि महाविद्यालय के छात्र शामिल थे। मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश डीपी सुराना, जिला न्यायाधीश पीआर कदम, न्यायाधीश एमआर पुरवार और न्यायाधीश सचिन पाटिल ने पक्षों को अपने विवादों को सुलझाने के लिए प्रोत्साहित किया।
उल्लेखनीय है कि लोक अदालत में तलाक और पारिवारिक विवाद के मामले भी समझौते के लिए रखे गए थे। तलाक के कगार पर खड़े 43 जोड़ों ने सफलतापूर्वक समझौता कर लिया और एक साथ रहने लगे तथा खुशहाल नई जिंदगी की शुरुआत की।
लोक अदालत के दौरान सड़क हादसों के लंबित मामलों का भी निपटारा किया गया। मोटर दुर्घटना पीड़ितों और मृतकों के उत्तराधिकारियों को मुआवजा दिया गया। लोक अदालत में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण, नागपुर ने 188 दावों का निपटारा किया। इस दौरान दुर्घटना पीड़ितों और मृतकों के उत्तराधिकारियों को 10 करोड़ 28 लाख 12 हजार रुपये का मुआवजा प्राप्त हुआ।