बच्चू कड़ू (pic credit; social media)
Maharashtra News: विभागीय संयुक्त निदेशक ने मांगे गए दस्तावेजों का विवरण दिए बिना बैंक परिसर का निरीक्षण करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक समिति का गठन किया है। इसके अतिरिक्त, याचिकाकर्ताओं को मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा की गई कथित चूकों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाने को चुनौती देते हुए विधायक बच्चू कड़ू ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की।
आगे कार्रवाई होने की आशंका
याचिकाकर्ताओं की ओर से बताया गया कि विभागीय संयुक्त निदेशक द्वारा जारी किया गया अंतरिम आदेश, महाराष्ट्र सहकारी समिति अधिनियम, 1960 (‘अधिनियम’) की धारा 79(3) के तहत उन्हें अधिनियम की धारा 79(1) के तहत कोई नोटिस दिए बिना पारित किया गया था. उन्होंने यह भी प्रस्तुत किया कि अधिनियम की धारा 79(3) के तहत अंतरिम आदेश पारित करने का कोई प्रावधान नहीं है।
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याचिकाकर्ताओं को आशंका है कि इस आदेश के आधार पर उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा सकती है, जबकि उनके अनुसार धारा 71(1) का कोई अनुपालन न होने का कोई सबूत नहीं है।
हाई कोर्ट ने 1 जुलाई 2025 को पारित आदेश के आधार पर याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है। गत सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ताओं ने हाई कोर्ट में मध्यस्थ अर्जी दायर की जिसमें मामले में हस्तक्षेप करने की अनुमति मांगी गई जिसे हाई कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
शिकायतकर्ताओं के वकील का मानना था कि विवाद की प्रकृति को देखते हुए उन्हें हस्तक्षेप करने की अनुमति दी जानी चाहिए, ताकि वे अदालत की सहायता कर सकें।
याचिकाकर्ता चाहते थे कि वे कुछ नये आधार जोड़ें और 23 जुलाई 2025 के उस आदेश को भी चुनौती दें जिसमें उनकी प्रारंभिक आपत्ति को खारिज कर दिया गया था। याचिकाकर्ताओं की पैरवी कर रहे वकील ने बताया कि प्रस्तावित संशोधन लंबित याचिका के दौरान हुई बाद की घटनाओं से संबंधित है और विवाद के पूर्ण न्यायिक निर्णय के लिए यह आवश्यक है।