नागपुर में आज बारिश का ऑरेंज अलर्ट (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: नागपुर में भारी बारिश के कारण शहर की कई सड़कें जलमग्न हो गई हैं। नागपुर के रामनगर इलाके में हिल रोड से लेकर पंधा बोडी तक की सड़क पूरी तरह पानी में डूब गई है। इससे यातायात प्रभावित हुआ है। इस बीच मौसम विभाग ने आज नागपुर जिले के लिए बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। इस अलर्ट के मद्देनजर जिला प्रशासन ने अहम फैसला लिया है।
लगातार हो रही बारिश और आगे भी भारी बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए जिला कलेक्टर विपिन इटनकर ने आज, बुधवार, 9 जुलाई को जिले भर के सभी स्कूल और कॉलेज बंद रखने का आदेश दिया है।
एहतियात के तौर पर नागपुर जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूल-कॉलेजों को आज बंद रखने की चेतावनी दी गई है। मौसम विभाग द्वारा जारी इस बारिश के अलर्ट के कारण नागपुर प्रशासन ने जिले के सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे जरूरी होने पर ही घरों से बाहर निकलें।
Nagpur, Maharashtra | In view of continuous rainfall and the forecast of further heavy showers, District Collector Vipin Itankar has ordered the closure of all schools and colleges across the district for today, Wednesday, July 9. pic.twitter.com/i5EtLtqDyt
— ANI (@ANI) July 8, 2025
बारिश के अलावा स्कुल बंद रहने का एक और भी कारण है सामने आया है। दरअसल शिक्षा क्षेत्र के विभिन्न संगठनों ने गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों के विस्तारित चरण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने की मांग करते हुए 8 और 9 जुलाई को स्कूल बंद रखने की अपील की है।
वहीं, राज्य के शिक्षा निदेशक ने इन दोनों दिनों में कोई भी स्कूल बंद न रखने का आदेश दिया है, जिससे शिक्षक और संस्थान बनाम राज्य सरकार की तस्वीर बन गई है। चूँकि 2 दिन केवल शिक्षक ही स्कूल में रहेंगे, तो स्कूलों का संचालन कौन करेगा? यह सवाल उठ खड़ा हुआ है।
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बता दें कि सरकार द्वारा गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों की चरण वृद्धि के लिए वित्तीय प्रावधान नहीं किए जाने के कारण राज्य के सभी प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों को बंद करने का आह्वान किया गया है। महाराष्ट्र राज्य प्राचार्य संघ, महाराष्ट्र राज्य शिक्षा संस्थान और विदर्भ जूनियर कॉलेज शिक्षक संघ ने इस बंद का समर्थन किया है।
सरकार ने शिक्षकों की किसी भी मांग को ठोस रूप से लागू नहीं किया है, हालांकि सरकार ने चरण अनुदान के बारे में आदेश दिए हैं, लेकिन इसके लिए आवश्यक वित्तीय प्रावधान नहीं किया है। इसके कारण हजारों शिक्षक पिछले 15 से 20 वर्षों से बहुत कम वेतन पर काम कर रहे हैं।
📍आझाद मैदान मुंबई,
शिक्षक आंदोलन!@RRPSpeaks pic.twitter.com/Oc9NdaRKvR— yogesh sawant (@yogi_9696) July 8, 2025
इन शिक्षकों को शत-प्रतिशत वेतन मिलना चाहिए। शिक्षा संगठनों ने यही कहा है। निदेशक लंबित मूल्यांकन प्रस्ताव अनुदान पत्र घोषित करें और अंतिम कक्षा के कोटे में छूट दें। मांग की गई है कि 14 अक्टूबर 2024 के सरकारी निर्णय को तुरंत लागू किया जाए और चौथे चरण के लिए वित्तीय धनराशि उपलब्ध कराई जाए। शिक्षा समन्वयक संघ ने इस बंद का आह्वान किया है।
इस बीच, राज्य के माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेश पालकर ने सभी संभागीय उप शिक्षा निदेशकों और शिक्षा अधिकारियों को एक पत्र भेजा है। इसमें यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि 8 और 9 जुलाई को कोई भी स्कूल बंद न रहे।